Gonda : कजली तीज मेले की तैयारियां पूरी
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में ऐतिहासिक पृथ्वीनाथ व दुखहरन नाथ मंदिरों में आगामी सोमवार को कजली तीज पर लाखों श्रद्धालुओं के जलाभिषेक की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पूरे जिले को 16 सेक्टरों में विभक्त करके रविवार से ही मजिस्ट्रेट व पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। जलाभिषेक को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए एक हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को सम्पूर्ण जनपद में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही मण्डल के तीन जिले अन्तर राष्ट्रीय सीमा से सटा होने के कारण सीमा पर चैकसी बढ़ा दी गई है।
देवीपाटन मण्डल के आयुक्त योगेश्वर राम मिश्र ने शुक्रवार को देर शाम आयुक्त सभागार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी. दूर रुपईडीह विकास खण्ड के पचरन ग्राम पंचायत में स्थित ऐतिहासिक महत्व के पृथ्वीनाथ मंदिर तथा गोंडा नगर स्थित दुखहरन नाथ मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु कजली तीज के पर्व पर जलाभिषेक करते हैं। इनमें स्थानीय मेलार्थियों के अलावा बड़ी संख्या में कांवडिये भी शामिल होते हैं, जो कर्नलगंज स्थित सरयू नदी से जल लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष 18 सितम्बर (सोमवार) को कजली तीज का पर्व मनाया जाना है। इस बार कजली तीज मेले में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जलाभिषेक करने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। पूरे जिले को 16 सेक्टर में बांटकर एक दिन पूर्व से ही मजिस्ट्रेट व पुलिस की 24 घंटे चक्रवार ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि सरयू घाट से लेकर दोनों मंदिरों के मध्य रास्ते में पड़ने वाले सभी सामुदायिक, प्राथमिक व स्वास्थ्य केन्द्रों को एलर्ट पर रखा गया है। साथ ही रास्ते में प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेगी। व्यवस्था से जुड़े सभी विभागों तथा चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी अस्पतालों को पूर्ण संसाधनों के साथ दिन-रात खोले रखने का निर्देश दिया जा चुका है। दोनों मंदिरों पर मेला क्षेत्र में अस्थायी चिकित्सा कैम्प लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर स्थित बाबू ईश्वर शरण सिंह जिला चिकित्सालय में ऐहतियातन बेड आरक्षित रखे गए हैं, जिससे किसी भी आपात कालीन स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। सरयू नदी पर जल ग्रहण करने के समय राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) तथा पीएसी की फ्लड यूनिट को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे के साथ जिला प्रशासन ने समन्वय स्थापित करके गोंडा-लखनऊ रेल खण्ड पर चलने वाली ट्रेनों को ‘कासन’ देकर चलाने का अनुरोध किया है। सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जनपद मुख्यालय पर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कन्ट्रोल रुम नंबर 05262-230125, 05262-358560 को स्थापित कर सक्रिय कर दिया गया है।
आयुक्त ने बताया कि देवीपाटन के तीन जिलों बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती की सीमाएं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से सटी होने के कारण अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) को सतर्क करने के साथ ही नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी समन्वय स्थापित करके नियमित रूप से खुफिया इनपुट प्राप्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा पर केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों और एसएसबी की सक्रियता के कारण किसी प्रकार की राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं होने पाएगी। सुरक्षा बल के जवानों को सीमा पर सघन पेट्रोलिंग के साथ किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को रोककर सख्ती से पूछताछ के निर्देश दिए गए हैं। इससे पूर्व आज आयुक्त ने परिक्षेत्रीय डीआईजी, प्रभारी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सिटी मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों के साथ सरयू घाट, दुःखहरण नाथ मंदिर, व पृथ्वीनाथ मंदिर का निरीक्षण कर जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई तैयारियों का जायजा लिया।