Gda : डाक्टरों की हड़ताल, चिकित्सा सेवाएं चरमराईं
निजी चिकित्सकों ने भी शनिवार को बंद रखी ओपीडी
जिला अस्पताल से गांधी पार्क तक डाक्टरों ने निकाला विरोध मार्च
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। कोलकाता में एक महिला जूनियर रेजिडेंट के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की अमानवीय घटना को अंजाम देने वालों को फांसी देने तथा चिकित्सकों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाने की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन तेज होता जा रहा है। घटना के आठवें दिन जिले के स्वशासी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आहवान पर निजी चिकित्सक भी हड़ताल में कूद पड़े और शनिवार को ओपीडी बंद रखकर आंदोलन में शामिल हुए। मेडिकल कालेज से गांधी पार्क तक निकाले गए पैदल मार्च में सीनियर व जूनियर रेजिडेंट के साथ ही प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएस), डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन (डीपीए) व अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों ने भाग लिया। निजी चिकित्सकों व पैरामेडिकल कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने के कारण जिले में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. एसके मिश्र ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आहवान पर जिले भर के सैकड़ो चिकित्सक घटना के विरोध में हड़ताल पर हैं। आज सुबह छह बजे से 24 घंटे के लिए उन्होंने अपना ओपीडी बंद कर रखा है। उनके अस्पतालों में केवल आपातकालीन सेवाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से कोलकाता की घटना में शामिल अभियुक्तों को फांसी की सजा देने तथा चिकित्सकों के साथ उत्पीड़न की घटनाओं में सख्त कार्यवाही किए जाने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। आज सुबह जिले भर के सैकड़ो चिकित्सक मेडिकल कालेज में उपस्थित हुए। बांह पर काली पट्टी बांधकर धरना दिया तथा बाद में गांधी पार्क तक एक जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। रास्ते में चिकित्सक ‘वी वांट जस्टिस व सेफ्टी नहीं तो ड्यूटी नहीं’ के नारे लगाते रहे। हड़ताली डॉक्टरों की मांग है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। गांधी पार्क में बापू की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती जलाकर अपने मृत साथी को याद करके श्रद्धांजलि दी। उधर सीनियर व जूनियर रेजिडेंट की हड़ताल के कारण मेडिकल कालेज में ओपीडी की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। पीएमएस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. जय गोविंद, डीपीए के जिलाध्यक्ष सालिक राम त्रिपाठी तथा मेडिकल कालेज के पैरामेडिकल स्टाफ ने भी हड़ताल का समर्थन किया।
पीएम को सम्बोधित मांगपत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा
बाद में हड़ताली चिकित्सक कचहरी पहुंचे जहां प्रधानमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्री ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट विजय शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि कोलकाता की घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर किया है। आज देश के अस्पतालों में चिकित्सकों को विभिन्न प्रकार के खतरों व भय के बीच काम करना पड़ रहा है। अक्सर अस्पताल में घटनाएं होने के बाद चिकित्सक वर्ग को न्याय नहीं मिल पाता है। आज चिकित्सक अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित है। कोलकाता की घटना में निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच करने की माँग देश भर के चिकित्सक कर रहे हैं। इस प्रकरण में कार्यवाही कुछ ऐसी होनी चाहिए, जिसका ऐसे अराजक तत्वों के मन में कानून का भय व्याप्त हो व इस तरह की घटनाओं पर लगाम लग सके। ज्ञापन में मांग की गई है कि कोलकाता घटना के दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी हो तथा मामले में त्वरित सुनवाई कर अधिकतम सजा दिलाई जाय। डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सभी प्रकार की अराजक घटनाओं से बचने के लिये एक केन्द्रीय कानून बनाया जाय। सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाय। राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को देश के किसी भी इलाके में काम कर रहे मेडिकल छात्रों और सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों की सुरक्षा से सबन्धित सख्त नियमों को लागू करने का अधिकार दिया जाय। आपात कालीन वार्ड में 24 घंटे पुलिस की व्यवस्था हो। ज्ञापन पर आइएमए के अध्यक्ष डा. एसके मिश्रा व सचिव डा. डीके राव के हस्ताक्षर हैं।
विरोध प्रदर्शन में इन्होंने किया प्रतिभाग
विरोध प्रदर्शन में प्रतिभाग कर रहे डॉक्टर ओएन पांडेय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत निंदनीय है। सरकार तत्काल आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे तथा हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए सख्त कानून बनाए। डॉक्टर अनीता मिश्रा ने कहा कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तो हम सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करने का मजबूर होंगे। डा. ज्योत्सना शुक्ला ने कहा कि हम चाहते हैं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए और हमारी सुरक्षा के लिए सरकार एक ठोस कानून बनाए। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर राकेश तिवारी ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज परिसर में आवास दिए जाने, अस्पताल में पुलिस चौकी की स्थापना होने, कोलकाता की घटना की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को फांसी की सजा देने तथा डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून बनाए जाने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. एसके मिश्रा, डा. एएस शुक्ला, डा. ज्योत्सना शुक्ला, डा. जीके सिंह, डा. आभा, डा. संजय त्रिपाठी, डा. आयुष पाण्डेय, डा. अंजू अग्रवाल, डा. रंजना मोर, डा. बीके श्रीवास्तव, डा. एसके कपूर, डा. आलोक अग्रवाल, डा. डीपी सिंह, सीनियर रेजिडेंट डा. उमंग सिंह, डा. सलमान, डा. सौरभ पाण्डेय, डा. मिथलेश, डा. नीहारिका, डा. आयुषी सरदाना, डा. सईद गनी, डा. रमेश पाण्डेय, डा. अतुल सिंह, जूनियर रेजिडेंट डा. नीरज गुप्ता, डा. आकाश पाण्डेय, डा. कमलेश, डा. शिवांगी राज, लाजिक इमेजिंग एंड डायग्नोस्टिक बाई स्पेक्ट्रम मेडिविजन के नसीम अहमद, डा. फराज नसीम, डा. साजिया नाज, अभय गुप्ता, मयंक जायसवाल, सै. अयाज अली, ज्योति गुप्ता, शिल्पी शर्मा, प्रगति सिंह समेत दर्जनों चिकित्सक व पैरामेडिकल कर्मचारी उपस्थित रहे।
केंद्र की अपील-हड़ताल खत्म करें डाक्टर
इस बीच कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का शनिवार को 8वां दिन है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने को कहा है। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले के पहले आइएमए चीफ ने शनिवार को कहा कि इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है। हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं कर सकती है। दरअसल, नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद आइएमए ने देशभर में प्रदर्शन का फैसला किया था।
आज के अपडेट्स
आइएमए चीफ बोले कि हम जीवन के अधिकार की मांग कर रहे हैं। यह मौलिक अधिकार है। हम प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। मामले में उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को अपने भाषण में महिलाओं की सुरक्षा की बात कही थी। आइएमए के समर्थन में बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र भी प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने ट्रेनी डॉक्टर को न्याय मिलने और पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलने की मांग रखी है। राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल शनिवार (17 अगस्त) को लगातार दूसरे दिन सीबीआई की पूछताछ में पहुंचे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने चिट्ठी लिखी। उन्होंने कहा कि कोलकाता वाली घटना से देश की आत्मा पर हमला हुआ है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में शामिल रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस भी डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन कर रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने अलग-अलग कॉलेज के 42 प्रोफेसर्स का तबादला किया। इनमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 2 प्रोफेसर्स डॉ. संगीता पॉल और डॉ. सुप्रिया दास भी हैं।
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