महिला सशक्तीकरण के लिए वरदान साबित होगी ‘स्त्री शक्ति योजना’-क्षेत्रीय प्रबंधक
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। स्थापना दिवस की 69वीं वर्षगांठ पर भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा परिसर में सोमवार को जिला चिकित्सालय के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। सामाजिक सरोकार से जुड़े इस शिविर में मुख्य प्रबंधक के अलावा आधा दर्जन अन्य बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने रक्तदान किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक ज्ञान प्रकाश ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक सामाजिक कार्यों में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा है। स्थापना दिवस पर प्रति वर्ष इस प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। एक यूनिट रक्तदान करके हम चार जिंदगियां बचा सकते हैं। हमें आज इस बात की खुशी है कि हिंदुस्तान समेत विश्व के 29 देशों में 22500 से अधिक शाखाओं वाले इस बैंक के अधिकारी और कर्मचारी अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए रक्तदान कर रहे हैं। देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा शुरू की गई ‘स्त्री शक्ति योजना’ की चर्चा करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छुक महिलाएं बहुत ही कम ब्याज दर तथा बिल्कुल आसान शर्तां पर ऋण ले सकती हैं।
मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक उमेश कुमार आर्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि वैसे तो भारतीय स्टेट बैंक का गठन 1955 में संसद में पारित एक अधिनियम के माध्यम से हुआ, किंतु इसका वास्तविक इतिहास 200 वर्षों से अधिक पुराना है। परिणाम स्वरूप आज की तारीख में यह देश का सबसे बड़ा और विश्वसनीय बैंक है। उन्होंने बताया कि बैंक की जीवन यात्रा दो जून 1806 को कलकत्ता में ’बैंक ऑफ़ कलकत्ता’ के नाम से शुरू होती है। तीन साल बाद इसे चार्टर मिलने पर बैंक का पुनर्गठन करके इसका नाम बैंक ऑफ़ बंगाल कर दिया गया। यह अपने तरह का अनोखा बैंक था जो ब्रिटिश भारत तथा बंगाल सरकार द्वारा चलाया जाता था। बाद में बैंक ऑफ़ बॉम्बे तथा बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत हुई। ये तीनों बैंक 28 जनवरी 1921 तक आधुनिक भारत के प्रमुख बैंक बने रहे, जब तक इनका विलय इंपीरियल बैंक ऑफ़ इंडिया में नहीं कर दिया गया। इंपीरियल बैंक का कारोबार सिर्फ़ शहरों तक सीमित था। अतः ग्रामीण विकास के मद्देनजर एक ऐसे बैंक की कल्पना की गई, जिसकी पहुंच गांवों तक हो तथा ग्रामीण जनता को इसका लाभ मिल सके। इसके फलस्वरूप एक जुलाई 1955 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई। तब से प्रत्येक वर्ष एक जुलाई को स्थापना दिवस मनाया जाता है। सामान्यतया इस दिन हम रक्तदान करके समाज के प्रति अपने दायित्वों की पूर्ति का संकल्प लेते हैं। आज का आयोजन इसी क्रम में था। इस शिविर में मुख्य प्रबंधक के अलावा जिन लोगों ने रक्तदान किया, उनमें आदर्श चंद्रा, अजीत तिवारी, कैलाश धर दुबे, सरफराज अहमद, संजय कुमार, शुभम सिंह आदि शामिल रहे। मुख्य प्रबंधक ने रक्तदान करने के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही समाज हित में समय-समय पर रक्तदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर मुख्य प्रबंधक प्रशांत गुप्ता, एसबीआई स्टाफ एसोसिएशन के क्षेत्रीय सचिव अरुण कुमार सिंह, सिविल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और बैंक अधिवक्ता विवेक मणि श्रीवास्तव, अधिवक्ता राजेंद्र सिंह खुराना, डॉक्टर निशांत पाण्डेय, शत्रुघ्न दुबे, रमाकांत तिवारी के साथ-साथ शाखा के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ज्ञान प्रकाश एवं गोंडा शाखा के मुख्य प्रबंधक उमेश कुमार आर्य ने स्थापना दिवस के मौके पर पंत नगर स्थित वृद्ध आश्रम में पौधरोपण एवं अन्न दान किया। समस्त रक्तदाताओं के लिए जलपान एवं एनर्जी ड्रिंक की व्यवस्था बैंक द्वारा की गई।

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