Balrampur News : सामूहिक दुष्कर्म के समय छात्रा को दी थीं कड़ी यातनाएं

संवाददाता

बलरामपुर। जिले के गैसड़ी थाना क्षेत्र में दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म के समय छात्रा को कड़ी यातना दी थी। छात्रा के शरीर में दस स्थानों पर चोट के निशान पाए गए हैं। अत्यधिक रक्तस्राव के चलते छात्रा की मौत हुई है। पुलिस ने दुष्कर्म की पुष्टि तो की है, लेकिन स्पर्म की जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट वायरल होने से पुलिस की कार्यशैली पर विपक्षी दलों ने सवालिया निशान लगाए हैं। स्थानीय कोतवाली क्षेत्र स्थित गांव में मंगलवार को 22 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी। बाद में इलाज के लिए ले जाते समय रास्ते में छात्रा की मौत हो गई थी। इस मामले में कस्बा निवासी शाहिद पुत्र हबीब व साहिल पुत्र हमीदुल्ला के विरुद्ध अपहरण, गैंगरेप व हत्या का केस दर्ज कर पुलिस ने जेल भेजा था। शुक्रवार को छात्रा का इलाज करने वाले कम्पाउंडर व उसे घर तक पहुंचाने वाले रिक्शा चालक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों को न्यायालय हाजिर किया जहां से वे जेल भेज दिए गए। छात्रा की मां के समर्थन में शुक्रवार को करीब पांच सौ महिलाएं आगे आई थी। छात्रा की मां का कहना है कि सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल अन्य आरोपियों को पुलिस बचाने में लगी है। उन्होंने बारह घंटे में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर परिवार समेत आत्मदाह की चेतावनी दी थी। महिलाओं ने शनिवार को चक्का जाम की चेतावनी दी थी। महिलाओं का आक्रोश देखकर गैसड़ी पुलिस बैकफुट पर आ गई। छात्रा की मां व उसके नाना को शुक्रवार रात सिफारिश करके कोतवाली बुलवाया। विवेचना अधिकारी सीओ राधारमण सिंह व गैसड़ी कोतवाली इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने छात्रा की मां को आंदोलन व आत्मदाह न करने के लिए समझाया। पीड़िता की मां ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगा तो पुलिस ने उसे सहर्ष दे दिया।

छात्रा के दाएं स्तन पर मिला था गहरा जख्म

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा के साथ यातना का खुलासा हुआ है। छात्रा के बाएं गाल पर जख्म के निशान मिले हैं। दाएं स्तन पर तीन गुड़े एक का एक सेंटीमीटर गहरा घाव पाया गया है। दाएं तरफ सीने पर ग्यारह गुड़े छह सेंटीमीटर चोट का निशान पाया गया है। दाएं कोहनी पर पांच गुड़े दो सेंटीमीटर का निलंग निशान पाया गया है। बायीं कोहनी के ऊपरी हिस्से में चार गुड़े दो सेंटीमीटर का निलंग निशान पाया गया है। बाएं जांघ पर चोट के निशान मिले हैं। वजाइना की झिल्ली फटी थी। इससे प्रतीत होता है कि छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। आंत में रक्त का जमाव पाया गया है। हो सकता है कि लीवर में चोट लगने से रक्तस्राव हुआ हो जिसके चलते छात्रा की मौत हुई हो। अन्य कई स्थानों पर चोट के निशान मिले हैं। प्रशासन पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में आनाकानी कर रहा था लेकिन आंदोलन के दबाव में आकर परिजनों को रिपोर्ट देनी पड़ी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रशासन के गले की हड्डी बन गई है। सीओ राधारमण सिंह कहते हैं कि स्पर्म रिपोर्ट उन्होंने देखी नहीं है, लेकिन रिपोर्ट की जो सूचना मिली है, उससे प्रतीत होता है कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ है।

पुलिस से संतुष्ट नहीं हैं परिजन

छात्रा की मां को पुलिस पर भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों के साथ बीगो लगाने वाले कम्पाउंडर व बिटिया को घर पहुंचाने वाले रिक्शा चालक को जेल भेजा है। इलाज करने वाले चिकित्सक व अन्य प्रमुख आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। आरोप लगाया कि पुलिस पैसे पर बिक गई है। पैसा लेकर पुलिस मुख्य आरोपियों को बचाने में जुटी है। प्रकरण पर पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। कहा कि आवश्यकता पड़ने पर चक्का जाम व आंदोलन किया जाएगा। उनका कहना है कि इलाज करने वाले डॉक्टर का पता अभी तक पुलिस नहीं लगा सकी है। शुक्रवार रात डा. अजीम, कुलदीप जायसवाल, मनीराम साहू, विशाल जायसवाल, श्रवण कुमार, चंद प्रकाश शर्मा, सगीर कम्पाउंडर व गुड्डू रिक्शा चालक को कोतवाली लाया गया था। सगीर व गुड्डू को पुलिस ने केस दर्ज कर जेल भेजा है। विवेचक राधारमण सिंह ने बताया कि जिनका भी नाम प्रकाश में आएगा उनकी गिरफ्तारी होगी।

50 लाख का मुआवजा देने की मांग

पीड़िता के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को धरना प्रदर्शन किया। भीम आर्मी के करीब पांच सौ कार्यकर्ता बाइक से गैसड़ी पहुंचे। बाइक रोककर पैदल मार्च किया। कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए। राष्ट्रीय महासचिव कमल वालिया ने कहा कि पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए। कहा कि परिजनों को न्याय दिलाया जाएगा। इस मौके पर जिला प्रमुख लालजी लहरी, मिथलेश कुमार आजाद, दिलावर, पिंटू टाइगर आदि मौजूद थे।

मामले में कोतवाल ने जताई अनभिज्ञता

प्रकरण पर कोतवाल कमलेश कुमार ने अनभिज्ञता जताई कहा कि मामले की पूरी जानकारी विवेचना अधिकारी सीओ सिटी राधारमण सिंह को है। कोतवाल का कहना है कि उन्होंने अभियुक्तों से कोई पूछताछ नहीं की है। विवेचना अधिकारी सीओ का कहना है कि अभियुक्तों ने उन्हें सभी प्रश्नों का जवाब गोल-मोल दिया है। किसी भी प्रश्न का उत्तर सही नहीं दिया। पुलिस यह बताने में नाकाम है कि घटना में कौन और कितने लोग शामिल थे। अभियुक्तों ने घटना को कैसे अंजाम दिया इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है। आरोपियों को पुलिस 30 घंटे तक थाने में बैठाए रखी थी लेकिन सच का पता नहीं लगा सकी। पुलिस अपना पक्ष रखने से कतरा रही है।

जब पूर्व विधायक को घर से लौटाया गया

पूर्व विधायक को छात्रा की मां ने घर से लौटा दिया। बताया जाता है कि पूर्व विधायक छात्रा की मां से मिलने गए थे। उन्होंने छात्रा के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की बात कही। कहा कि हाथरस कांड में पीड़िता की माता-पिता को सरकार ने 25 लाख रुपए के साथ सरकारी नौकरी देने का वादा किया है, लेकिन गैसड़ी प्रकरण में सरकार ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। पूर्व विधायक की बात सुनकर छात्रा की मां नाराज हो गई। उन्होंने विधायक से सवाल किया कि वह इस मामले में क्या मदद कर सकते हैं। आर्थिक मदद के बारे में पूछा तो नेता जी दाहिने-बाएं झांकने लगे। पूर्व विधायक ने बताया कि उनके बारे में लोग गलत अफवाह फैला रहे हैं। छात्रा की मां ने अपने दरवाजे पर उनका सम्मान किया है। उन्होंने छात्रा को समुचित न्याय दिलाने की बात कही है। शिल्पकार समाज के प्रदेश अध्यक्ष वरुण कुमार गिहार ने छात्रा की मां से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया।

किसके इशारे पर नाचती रही गैसड़ी पुलिस?

वह कौन है जिसके इशारे पर गैसड़ी कोतवाली की पुलिस दो दिनों तक नाचती रही। छात्रा के साथ मंगलवार को दुष्कर्म की घटना हुई थी। उसी रात उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि प्रार्थना पत्र मिलने के बाद पुलिस ने शाहिद व साहिल को उठा लिया था। यह भी पता चला है कि एक रसूखदार दोनों अभियुक्तों को कोतवाली से घर लेकर चला गया। उसने पुलिस को इस बात की गारंटी दी थी कि दोनों सुबह कोतवाली पहुंच जाएंगे। बुधवार को दोनों अभियुक्त दिन भर थाने में बैठे रहे। रसूखदार व्यक्ति उनके घर वालों को थाने लाकर बारी-बारी मिलवाता रहा। थाने के लिए भोजन भी उनके घरों से आया था। बताते हैं कि रसूखदार के गाड़ी से उतरते ही कोतवाल अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाते थे। रसूखदार अपने इशारे पर दो दिनों तक पुलिस को नचाता रहा। वह चाहता था कि मामले को रफा-दफा कर दिया जाए लेकिन मीडिया कर्मियों के हस्तक्षेप पर पुलिस उन्हें छोड़ नहीं सकी। मामला हाईलाइट होने के बाद रसूखदार व्यक्ति थाने नहीं आया। बताया जाता है कि रसूखदार व्यक्ति सत्ता दल के एक नेता का बहुत करीबी है।

सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा दलित मानवाधिकार आयोग

राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार आयोग यूपी अभियान की टीम ने छात्रा के माता-पिता से मुलाकात की। राम दुलार, बबिता, कंचन व वीरेन्द्र पाल सहित सात सदस्य छात्रा की मां से मिले। कहा कि एससी एसटी एक्ट के तहत परिजनों को आठ लाख 25 हजार रुपए मिलने चाहिए। पूरी रकम परिजनों को अभी तक नहीं मिली है। कहा कि टीम अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार व मानवाधिकार आयोग को सौंप देगी। साथ ही 25 लाख मुआवजा दिलाने की मांग करेगी।

error: Content is protected !!