Bahraich News:ई-पीएचसी लौखाई पर 6773 मरीजों ने कराया इलाज

इलाज करने के मामले में बहराइच को मिला प्रदेश में दूसरा स्थान

संवाददाता

बहराइच। डिजिटल इंडिया का असर यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में भी दिखने लगा है। यहां के सुदूर इलाकों में मरीजों को निःशुल्क सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू की गई ई-पीएचसी पर अब तक 50 हजार से अधिक लोगों ने इलाज करवाया है। स्वास्थ्य लाभ लेने वालों में चंदौली के लोग सबसे आगे हैं, वहीं बहराइच दूसरे स्थान पर है। अधिकारियों का कहना है कि ई-पीएचसी पर कम समय में ही बेहतर इलाज देना संभव होता है। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि गत वर्ष प्रदेश के 10 जिलों में ई-पीएचसी की शुरुआत की गई। इन 10 जिलों में बहराइच, चंदौली, फ़तेहपुर, वाराणसी, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, गोरखपुर और सोनभद्र हैं। इन जनपदों में ई-पीएचसी के जरिये अब तक 50,795 मरीजों को उपचरित किया गया है। चंदौली में कमलापुर पीएचसी को ई-पीएचसी बनाया गया है। जहां अब तक सर्वाधिक 8348 मरीजों का इलाज किया गया है। वहीं बहराइच के लौखाई को ई-पीएचसी बनाया गया। यहां 6773 मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया है।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत चंद्रा ने बताया कि ई-पीएचसी यानि इलेक्ट्रानिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर विकसित किए गए हैं। ई-पीएचसी पर नर्स, लैब टेकनीशियन और फरमासिस्ट तैनात होते हैं। नर्स/फर्मासिस्ट आए हुये मरीज का पंजीकरण कर उसकी पूरी जानकारी अपने कमांड सेंटर को भेजते हैं। इसके बाद वीडियो कालिंग के जरिये तत्काल एमबीबीएस डॉक्टर परामर्श देते हैं। खास बात यह कि मरीज की पैथोलाजिकल जांच रिपोर्ट डॉक्टर और मरीज दोनों के ईमेल पर एक साथ आती है। इससे डॉक्टर को दवा बताना बहुत आसान हो जाता है। ई-पीएचसी पर मरीज को परामर्श, दवा की निशुल्क सुविधा दी जाती है। साथ ही ईसीजी, एचआईवी, डेंगू, मलेरिया समेत 21 से अधिक पैथोलाजिकल जांच भी मुफ्त में की जाती है। वर्तमान में ई-पीएचसी की सुविधा जनपद के लौखाई पीएचसी में दी जा रही है। पीएचसी के निदेशक डॉ वीके सिंह ने बताया कि अभी तो पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिर्फ 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को ई-पीएचसी के रूप में तब्दील किया गया है। जहां बेहतरीन परिणाम आए हैं। भविष्य में ऐसे 100 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को जो विभिन्न कारणों से बंद होने होने की स्थिति में हैं उनको ई-पीएचसी के रूप में विकसित करने की तैयारी है। इन चरण में हम उन कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को जोड़गे ताकि गैर संचारी रोग का निवारण भी हम पीएचसी स्तर पर ही कर सकें। बहराइच के 45 वर्षीय अमीन खान (मो. 8707022019) के पैर में एक हादसे के दौरान चोट लग गई। समय से उचित इलाज नहीं मिल पाने से पैर का घाव काफी बढ़ गया। गांव से 150 किलोमीटर दूर होने के कारण अमीन के लिए जिला अस्पताल जा पाना संभव नहीं हो पाया। इस बीच वह लौखाई के ई-पीएचसी गया जहां से उसे बेहतर इलाज मिला और अब वह स्वस्थ है।

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