50 करोड़ खर्च होने के बाद भी गोशालाओं की नहीं बदली तस्वीर
हमीरपुर(हि.स.)। जिले में सैकड़ों गोशालाओं में गौवंश को ठंड से बचाने के लिए इंतजाम नाकाफी है। ज्यादातर गोशालाओं में बंद गौवंश इन दिनों भीषण ठंड से ठिठुर रहे हैं। अभी तक गोशालाओं में गौवंश के संरक्षण के लिए 50 करोड़ से अधिक रुपये खर्च हो चुके हैं, फिर भी गोशालाओं की तस्वीर नहीं बदल सकी। भरपेट चारा और भूसा न मिलने से तमाम गौवंश दुबले पतले हो गए हैं।
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर, कुरारा, मौदहा, मुस्करा, राठ, सरीला और गोहांड आदि विकास खंड क्षेत्रों के 330 ग्राम पंचायतों में गोशालाएं गौवंश के संरक्षण के लिए बनाई जा चुकी है। इन गोशालाओं में 44 हजार से अधिक गौवंश रहते हैं। गोशालाओं की देखरेख के लिए ग्राम पंचायत स्तर से रखवालों की तैनाती है, लेकिन ऐसी सर्दी में ये प्राइवेट कर्मी गोशालाओं के आसपास नजर नहीं आते हैं। गोशालाओं में संरक्षित हजारों गौवंश के अलावा बड़ी संख्या में गौवंश छुट्टा इधर-उधर घूम रहे हैं। जो फसलों के लिए दुश्मन हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से ठंड का कहर जिले में बरप रहा है। ऐसे में गोशालाओं में बंद गौवंश ठंड से ठिठुर रहे हैं। मौदहा क्षेत्र के करहिया गांव की गोशाला में गौवंश को ठंड से बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं।
गौरक्षा संस्था के जिलाध्यक्ष निशांत त्रिपाठी व जिला उपाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने बताया कि गांव की सरपंच ने गोशाला में गौवंश के लिए कोई भी इंतजाम नहीं कराए है। गोशाला भी बदहाल है। इधर लोदीपुर निवादा गांव की गोशाला का बुरा हाल है। गोशाला में बंद गौवंश को भरपेट चारा और भूसा नहीं दिया जा रहा है। गांव में पराली के बदले खाद देने की योजना भी फेल हो गई है। यहां की गोशाला में 67 गौवंश संरक्षित है जिन्हें ठंड से बचाने के लिए किए गए इंतजाम भी नाकाफी है। दिन में गौवंश ठंड से कांप रहे हैं।
गोशालाओं में गौवंश के संरक्षण में खर्च हो गए 50 करोड़
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविन्द सरोज ने बताया कि वर्ष 2019 से शासन के निर्देश पर यहां हमीरपुर जिले में 330 गोशालाएं संचालित की गई है। गोशालाओं में मौजूदा में 44 हजार के करीब गौवंश संरक्षित हैं। बताया कि अभी तक गौवंश के संरक्षण में 50 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हो गई है। गौवंश को ठंड से बचाव के लिए गोशालाओं में तिरपाल लगवाने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही गोशालाओं के पास अलाव जलवाने के इंतजाम कराए गए हैं। ताकि गौवंश ठंड से महफूज रह सके। बताया कि जिले के नगर पालिकाओं और नगर पंचायत क्षेत्र में छुट्टा गौवंश घूम रहे हैं। जबकि गांवों में गौवंश गोशालाओं में संरक्षित कराए जा चुके हैं।
पंकज/राजेश