21 अप्रैल तक बंद रहेंगे विंध्यवासिनी मंदिर के द्वार, बैठक में लिया गया फैसला
विंध्य पंडा समाज ने कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए विंध्यवासिनी मंदिर को 21 अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया है। शनिवार को विंध्य पंडा समाज द्वारा आयोजित एक बैठक में यह फैसला किया गया। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पंडा समाज ने 21 अप्रैल तक मंदिर बंद करने का फैसला किया है और सभी श्रद्धालुओं को घर जाकर पूजा-पाठ करने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि मां विंध्यवासिनी की आरती और पूजा नियमित रूप से जारी रहेगी लेकिन दर्शन की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।
पंडा समाज के फैसले का जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने स्वागत किया है। मेला प्रभारी और नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने कहा कि पंडा समाज के फैसले का हम स्वागत करते हैं। पंडा समाज की इस बैठक में क्षेत्रीय विधायक रत्नाकर मिश्र को भी आमंत्रित किया गया था। उल्लेखनीय है कि आदि शक्ति और साधना स्थल के रूप में विख्यात विंध्याचल देवी मंदिर में शारदीय नवरात्र की तुलना में चैत्र नवरात्र में भीड़ ज्यादा होती है। विंध्याचल में मां लक्ष्मी, कालीखोह में मां काली और अष्टभुजा में मां सरस्वती का वास माना जाता है और इनके त्रिकोण को मां के दर्शन का प्रमुख अंग माना जाता है।