2.62 करोड़ एलईडी बल्ब्स की बदौलत ऊर्जा संरक्षण कर यूपी ने बचाये 1363 करोड़ : श्रीकांत शर्मा

– ऊर्जा संरक्षण दिवस पर नेडा मुख्यालय पर लगे 40 किलोवाट सौर ऊर्जा प्लांट का लोकार्पण
– अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर को बनाएंगे सोलर सिटी
– प्रदेश के सभी स्कूलों में जागरूकता व प्रतियोगिताएं कराने के निर्देश- पूर्व सरकारों में केवल 36 मेगावाट के रूफटॉप संयंत्र हमने लगाए 200 मेगावाट के रूफटॉप प्लांट

अपडेट
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोमवार को ऊर्जा संरक्षण दिवस पर यूपीनेडा मुख्यालय पर लगाये गए 40 किलोवॉट के रूफटॉप सौर ऊर्जा प्लांट व ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए यूपी सेव्स एनर्जी वेबसाइट व मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया।इसके साथ ही ऊर्जा संरक्षण को लेकर प्रदेशभर में कराई गई प्रतियोगिताओं में शामिल व विजयी छात्रों, स्कूलों, ऊर्जा संरक्षण की दिशा में सकारात्मक योगदान के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाईयों को दिए जाने वाले पुरस्कारों की घोषणा की। उन्होंने पुरस्कृत छात्रों और प्रतिभागियों सभी को बधाई दी। 
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ऊर्जा संरक्षण की दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है। उजाला योजना के तहत उत्तर प्रदेश में  अबतक 2 करोड़ 62 लाख एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। इससे सालाना 3407 मिलियन यूनिट बिजली और 1363 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। पीक आवर्स में मांग 682 मेगावाट घटी है। 2.76 मिलियन टन कार्बन का उत्सर्जन में भी कमी की है। यही नहीं एलईडी स्ट्रीट लाइट, बल्ब, स्टार रेटेड उपकरणों के उयोग से ही अबतक पीक डिमांड में 3413 मेगावाट की कमी दर्ज की गई है। पैट योजना के तहत 25 उद्योगों ने ही अबतक 8066 मिलियन यूनिट बिजली की बचत की है। 
प्रदेश में मौजूदा समय में 12 लाख निजी नलकूप लगे हैं। जिन्हें हम एनर्जी दक्ष पम्पों से बदलने का काम कर रहे हैं। इससे करीब 400 करोड़ यूनिट ऊर्जा की बचत होगी। प्रथम चरण में 9000 पम्प बदलने का काम चल रहा है। वहीं पीएम कीकुसुम योजना के तहत अबतक कुल 25975 निजी नलकूपों को सौर पम्पों में बदला गया है। पीएम कुसुम योजना के तहत किसान अनुपजाऊ भूमि पर सोलर 500 किलोवाट से 2 मेगावाट के सोलर प्लांट भी लगा सकेंगे। यही नहीं ऊर्जा खपत को कम करने के लिए हमने 2.82 लाख ऑफग्रिड सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाने का काम भी किया गया है। 
हम अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर को क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी के तहत मॉडल टाउन बनाने के निर्देश दिए हैं। चरणबद्ध तरीके से 2024 तक इन शहरों को सौर ऊर्जा उत्पादन में दक्ष बनाकर सोलर सिटी के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। इन शहरों में घरों की छतों से 669 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसके तहत तय किए गए लक्ष्य के क्रम में केंद्र सरकार द्वारा  859 करोड़ व राज्य सरकार द्वारा 473 करोड़ रुपये का अनुदान भी उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। 
पूर्व सरकारों ने ऊर्जा संरक्षण के लिए विशेष प्रयास नहीं कियेपूर्व सरकारों ने ऊर्जा संरक्षण व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किया। जहां पूर्व सरकार तक प्रदेश में केवल 36 मेगावाट के सोलर रूफटॉप प्लांट थे। हमने इसमें 6 गुना की बढ़ोतरी करते हुए इसे बढ़ाकर 200 मेगावाट कर दिया। हम सभी सरकारी बिल्डिंग्स पर सोलर रूफटॉप लगवाने की योजना पर काम कर रहे हैं। अब तक 1657 मेगावाट की 48 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसमें 8285 करोड़ का निवेश भी हुआ है। 3000 करोड़ की लागत से 600 मेगावाट का मेगा सोलर पार्क भी बनाने की दिशा में काम चल रहा है। अभी हम कुल ऊर्जा खपत का 6 प्रतिशत सौर ऊर्जा के माध्यम से उपयोग करते हैं। 2024 तक इसे 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। आने वाला समय चुनौतियों वालाकहा कि आने वाला समय चुनौतियों वाला है। अभी हम ऊर्जा जरूरतों के लिए पेट्रो रसायनों और कोयले पर निर्भर हैं। आने वाला समय इलेक्ट्रिक व्हीकल का है, पर्यावरण हितैषी साधनों का है, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का है। दुनिया के कई देश 2030 के बाद पेट्रोल व डीजल का उपयोग बंद करने जा रहे हैं। हम भी पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम का हिस्सा बनें।
ऊर्जा संरक्षण का प्रयास विद्यालयों तक ले जाने का निर्देश
उन्होंने निर्देशित भी किया कि यूपीनेडा ऊर्जा संरक्षण को लेकर किये जा रहे प्रयासों को प्रदेश के सभी विद्यालयों तक ले जाएं। सभी स्कूलों को ऊर्जा संरक्षण की दिशा में कराई जा रही प्रतियोगिताओं में सम्मिलित किया जाए। इस अभियान में सबसे बड़ा योगदान यदि किसी का हो सकता है तो वो स्कूली बच्चे हैं। वे हमारे ऊर्जा संरक्षण के ब्रांड एम्बेसड

error: Content is protected !!