18 अगस्त को देश व्यापी हड़ताल पर रहेंगे बिजली अधिकारी कर्मचारी
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का कर रहे हैं विरोध
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण के विरोध में आगामी 18 अगस्त को प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन व सभायें करने का निर्णय लिया है। संघर्ष समिति की आज यहाँ हुई बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया और चेतावनी दी गयी कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस न लिया गया तो प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियन्ता प्रान्त व्यापी आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन व सरकार की होगी।
यह जानकारी देते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एके कुशवाहा, रामा जी, पवन कुंमार, नरेन्द्र मिश्रा, नीरज तिवारी, रजनी कांत पाण्डेय ने बताया कि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स) ने निर्णय लिया है कि केन्द्र व राज्य सरकारों की ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की नीति के विरोध में 18 अगस्त को देश के करीब 15 लाख बिजली कर्मचारी देश भर में विरोध प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी की मुख्य मांग इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2020 वापस लेना, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेना, केन्द्र शासित प्रदेशों एवं उड़ीसा के बिजली निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त करना है।