15 हजार मासिक वेतन पाने वालों को भी मिलेगा श्र​म योजनाओं का लाभ

लखनऊ। श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने बताया कि 10 नवम्बर को राष्ट्रऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राजधानी में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, इसमें श्रम कल्याण परिषद की तीन नई योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री इस अवसर पर परिषद की योजनाओं के लिए पात्र 5,100 श्रमिकों को चेक वितरित करेंगे। 
चेतन चौहान के नाम पर चलाएगी जाएगी श्र​म योजनाभराला ने उप्र श्रम कल्याण परिषद की 73वीं बोर्ड की बैठक में मंगलवार को कहा कि परिषद ने श्रमिक खेल कल्याण योजना को स्व. चेतन चौहान एवं अन्य महान विभूतियों के नाम से चलाने का प्रस्ताव लाया है। इसी प्रकार श्रमिक पाठ्य-पुस्तक योजना को महादेवी वर्मा श्रमिक पुस्तक योजना तथा स्वामी विवेकानन्द धार्मिक एवं पर्यटन यात्रा योजना का शुभारम्भ करेगी। उन्होंने बताया कि इसी दौरान श्रम कल्याण परिषद की 2019-20 का लेखा-जोखा से सम्बंधित पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा कराया जायेगा।
नियमावली में संशोधन के बाद 51 सदस्य बनाने का निर्णय
भराला ने बताया कि विभिन्न कारखानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाले तथा 15 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले श्रमिकों को परिषद की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उप्र श्रम कल्याण नियमावली 1985 के तहत परिषद में 11 सदस्य होते थे, जिसमें संशोधन करने के बाद 51 सदस्य बनाने का निर्णय किया गया है। इसमें 40 विशेष आमंत्रित सदस्य श्रमिक व सेवायोजक वर्ग से होंगे। इसी प्रकार बोर्ड में स्वतंत्र प्रतिनिधियों एवं महिला प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व दो-दो से बढ़ाकर 05-05 सदस्य कर दिया गया है।
लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर दी जाएगी प्रतिकूल प्रविष्टि उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में सभी जिलाधिकारियों व मण्डलायुक्तों को निर्देशित किया गया कि जिलों व मण्डलों में श्रम बन्धु एवं उद्योग बन्धु की होने वाली बैठकों में परिषद की योजनाओं की भी समीक्षा की जाए। इसी प्रकार बोर्ड ने यह भी सुनिश्चित किया है कि श्रम विभाग के निष्क्रिय एवं लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर इनको प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए, जिनका रिपोर्ट कार्ड योजनाओं के लिए पात्रों के चयन में शून्य रहा है। 
श्रमिक पंजीयन में वास्तविकता की जांच के लिए समिति गठित उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में उपस्थित होने के लिए सदस्यों को 10 रुपये मानदेय निर्धारित है जोकि अत्यन्त कम है। नियमावली 1985 के सापेक्ष मूल्य वृद्धि के आधार पर यह मानदेय 6800 रुपये निर्धारित करने के लिए तथा इस पर विचार-विमर्श के लिए सदस्य राधाकृष्ण त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है जो इस मानदेय का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपेगी। इसी प्रकार दुकानों, प्रतिष्ठानों एवं कारखानों में श्रमिक पंजीयन में वास्तविकता की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो अपनी रिपोर्ट 30 सितम्बर तक सौंपेगी। उन्होंने परिषद की योजनाओं का प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों एवं कारखानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के आयोजन से श्रमिकों में जागरूकता आयेगी और वे योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्वयं आगे आएंगे।  

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