13 दिन तक पूछताछ के बाद आयकर विभाग को सौंपा गया जय बाजपेई
प्रादेशिक डेस्क
कानपुर। विकास दुबे के पैसे ठिकाने लगाने के आरोपी जय बाजपेई को पुलिस ने आयकर विभाग के हवाले कर दिया है। पुलिस ने उससे लगातार 13 दिन तक पूछताछ की लेकिन अपराधिक कनेक्शन नहीं मिले हैं। पुलिस की जांच में यह भी साफ हो गया कि जय की गाड़ियों का इस्तेमाल विकास को भगाने में नहीं किया गया था। विकास और उसके बीच बैंक खातों और अन्य स्रोतों से आर्थिक लेनदेन की बातें सामने आने के बाद पुलिस ने उसे आयकर विभाग को सौंप दिया है।
आयकर विभाग जय और विकास के बीच हुए ट्रांजेक्शन की जांच पड़ताल और कारणों के बारे में जानकारी जुटाएगा। आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। 2 जुलाई की रात बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इसी कार्रवाई के बीच पुलिस को विजय नगर से तीन लग्जरी गाड़ियां मिली। यह अलग अलग नामों पर पंजीकृत थी लेकिन उसका मालिक जय बाजपेई था। पुलिस को यह भी सूचना मिली कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल विकास दुबे और उसके परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में किया गया था। इस कारण पुलिस ने जय बाजपेई को 5 जुलाई को हिरासत में ले लिया था। लगातार 18 जुलाई तक चली पूछताछ और जांच पड़ताल में इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिले कि गाड़ियों का इस्तेमाल विकास को भगाने में किया गया था। पुलिस की जांच में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि जय और विकास के बैंक खाते से ट्रांजेक्शन हुए हैं। जय के खाते से विकास को पैसा ट्रांसफर किया गया था। यह भी पता चला कि जय विकास से पैसे लेकर उसे ब्याज पर लगाता था। अपराधिक घटना में कोई लिंक न मिलने के कारण पुलिस ने जय बाजपेई को आयकर विभाग को सौंप दिया है। अब आयकर विभाग अपने नजरिए से जांच करेगा। आयकर विभाग ने उन रिपोर्टों को भी संज्ञान में लिया है जिसमें कहा गया है की जय बाजपेई ने विदेशों में भी संपत्तियां अर्जित की हैं। आयकर विभाग की एक टीम इस बात की जांच कर रही है विदेशों में खरीदी गई संपत्तियों का पैसा हवाला कारोबार से तो ट्रांसफर नहीं किया गया है। अभी तक जय बाजपेई के बैंक खातों से इस बात के प्रमाण नहीं मिले हैं की पैसे को विदेशों में भेजा गया हो। अधिकारियों को संदेह है की विदेशों में पैसा खपाने के लिए हवाला रैकेट का इस्तेमाल किया गया है।
जय को क्लीन चिट नहीं
कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी कहते हैं कि जय को अभी क्लीन चिट नहीं दी गई है। उसकी जांच जारी रहेगी। पुलिस ने कभी उसे हिरासत में नहीं लिया था। जांच में इस बात के साक्ष्य नहीं मिले कि जय की गाड़ियों का इस्तेमाल विकास को भगाने के लिए किया गया था। जय और विकास के आर्थिक अपराधों के बारे में जानकारी हुई है। इसे देखते हुए उसे आयकर विभाग को सौंप दिया गया है। आयकर विभाग इस मामले में जांच करेगा।