10वीं में थर्ड डिवीजन, आज इनकम टैक्स कमिश्नर
सहसों के लाल बहादुर पुष्कर ने सोशल मीडिया पर शेयर की मार्कशीट
प्रादेशिक डेस्क
प्रयागराज। मेरी किस्मत तू मुझे हरा सकती है, लेकिन मेरे हौसले को नहीं। बिल्कुल यदि हौसला, सच्ची लगन और दृढ़ संकल्प हो तो जीवन में कामयाबी परीक्षा में मिले नंबर से निर्धारित नहीं होती। साथ ही जिन्हें यह लगता है कि परीक्षा में अंक प्रतिशत ही सबकुछ है तो आईआरएस लाल बहादुर पुष्कर से प्रेरणा लेनी चाहिए। खासकर वे बच्चे जिन्होंने 10वीं व 12वीं में कुछ कम नंबर आए हैं और वह निराश हैं। यहां तक कि कुछ बच्चों ने आत्महत्या भी कर ली है। सहसों के रहने वाले लाल बहादुर पुष्कर ने यूपी बोर्ड की दसवीं की परीक्षा वर्ष 2000 में तृतीय श्रेणी में पास की थी। उन्हें 600 में कुल 252 नंबर ही मिले थे लेकिन पुष्कर आज मुंबई में इनकम टैक्स कमिश्नर हैं।
बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद शहर के कुछ बच्चों के आत्मघाती कदम उठाने पर पुष्कर ने सोशल मीडिया पर अपनी मार्कशीट शेयर करते हुए छात्रों से प्रेरक अपील की। उन्होंने लिखा कि जिन्हें लगता है कि परसेंटेज ही सब कुछ है वे मेरी मार्कशीट देख लें। संस्कृत को छोड़कर सभी विषय में 50 से भी कम नंबर हैं। पुष्कर ने 10वीं और 12वीं की शिक्षा गांव के विद्यालय में प्राप्त की। इविवि से स्नातक करने के बाद जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय सम्बंध में एमए किया। इसके बाद उन्होंने तीन विषय में नेट क्वालीफाई हैं। 2016 में आईआरएस में चयनित हुए। उनके पिता नेबूलाल पुष्कर शिक्षा विभाग से सेवानिवृत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। पुष्कर को साहित्यिक योगदान के लिए प्रतिष्ठित काका कालेलकर सम्मान से सम्मानित भी किया जा चुका है।