​लाल किले के पास ​​ड्रोन आने पर थी मार गिराने की तैयारी

– डीआरडीओ ने ​​तैनात ​कर रखा था ​​​माइक्रो ड्रोन का पता ​लगाने वाला सिस्टम ​


-लेजर हथियार ​से 1 से 2.5 किलोमीटर तक ​का लक्ष्य​ मार गिराने में सक्षम    ​ ​​

 ​नई दिल्ली। ​​​​​रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन​ (​​​डीआरडीओ​)​ ने ​​​​स्वतंत्रता दिवस पर ​​लाल किले के पास ​​​​ड्रोन-विरोधी प्रणाली ​​तैनात की थी। यह ​सिस्टम 3 किलोमीटर तक के ​इलाके में ​​​माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकता है​। ​इससे ​​लेजर हथियार ​का उपयोग ​करके 1-2.5 किलोमीटर तक के लक्ष्य को​ नीचे ला​या जा सकता है​​।
​​स्वतंत्रता दिवस पर​ लाल किले की प्राचीर से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को संबोधित करने पहुंचे तो उनकी सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा निर्मित ड्रोन-रोधी प्रणाली​ तैनात थी​​।​ ​​डीआरडीओ​ के अनुसार यह प्रणाली लेजर​ ​आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियारों के माध्यम से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाकर माइक्रो​ ​ड्रोन को ​भी ​बेअसर कर​ सकती है।​​​ यह प्रणाली ड्रोन ​या मानव रहित हवाई वाहन ​​​खतरों का तुरंत पता लगाने और पहचानने और उन्हें समाप्त करने ​में सक्षम है।​ इसके अलावा यह स्वदेशी प्रणाली 3 किमी तक की दूरी पर माइक्रो ड्रोन का पता लगा सकती है और लेजर हथियार के वाट क्षमता के आधार पर एक से 2.5 किमी दूर एक लक्ष्य को ​मार गिरा ​सकती है। यह ​प्रणाली ​ भारत के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में ड्रोन-आधारित गतिविधि को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी काउंटर हो सकता है।​

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