होलिका दहन का उल्लास, युवाओं की टोली ने पूरे दिन उतारा चंदा,नगाड़े की थाप पर थिरके
वाराणसी (हि.स.)। काशीपुराधिपति की नगरी में रंगों के पर्व होली का उत्साह और मस्ती युवाओं के सिर चढ़ कर बोल रही है। महापर्व की पूर्व संध्या पर होलिका दहन को लेकर युवा सुबह से ही उत्साहित रहे। अपने मोहल्ले और गली में होलिका का आकार बढ़ाने के लिए युवाओं और बच्चों की टोली पूर्वाह्न 10 बजे से ही मुख्य सड़क पर स्थित दुकानों के साथ मोहल्ले में घर-घर चंदा मांगने में जुटी रही। शहर में युवा महिलाओं की तरह दिखने के लिए लम्बे सुनहरे बाल के विंग और मुखौटा लगा तरह- तरह के वस्त्र पहन मस्ती करते रहे। अपने दोस्तों और परिचितों को अबीर गुलाल से रंगते रहे। बच्चे राहगीर,ई-रिक्शा,आटो चालकों के साथ निजी वाहनों को रोक कर भी चंदा मांगते रहे। गलियों में छोटे-छोटे बच्चे रस्सी और बांस की बैरिकेडिंग कर चंदा देने की मनुहार करते रहे। लोगों ने तेल उबटन लगवाने के बाद उसका अवशेष,अपने घरों के पुराने टूटे-फूटे फर्नीचरों को भी होलिका में ले जाकर रखा। और होलिका की परिक्रमा कर पूजा की।
चन्दा उगाही के बाद युवा समूह में चौकाघाट स्थित लकड़ी मण्डी से लकड़ियों को खरीदने के बाद उसे रिक्शा-ट्राली पर लाद कर लाये और अपने मोहल्ले और टोले की होलिका को विशाल आकार दिया। होलिका दहन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने भी पूरी तैयारी की है। होलिका दहन के दौरान अराजक तत्वों के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए अफसर फोर्स के साथ गलियों में भी गश्त कर रहे हैं। होलिका दहन के पश्चात सभी स्थलों से साफ-सफाई को बहाल करने के लिए नगर निगम की टीम भी तत्पर है। इस दौरान सेनेटरी इंस्पेक्टर की मदद से प्रत्येक लोकेशन से राख और कचरे को हटाकर सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जायेगा।
रविवार को होलिका दहन के पूर्व भद्राकाल सुबह 9.55 से शुरू होकर रात 11.13 बजे तक रहेगा। ऐसे में भद्रा के बाद रात 11.13 बजे होलिका दहन होगा।
होलिका दहन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में होगा। इसके बाद सोमवार को होली उत्साह पूर्ण माहौल में खेली जाएगी।
भोजूबीर तिराहा पर स्थापित अनोखी होलिका आकर्षण का केन्द्र,पेड़ न काटने का संदेश
भोजूबीर स्थित उदय प्रताप कालेज जाने वाले तिराहे पर स्थापित होलिका राहगीरों में आकर्षण बनी हुई है। क्षेत्रीय युवाओं एवं व्यापारियों के सहयोग से स्थापित होलिका में होलिका की मूर्ति रखी गई हैं । होलिका के चारों ओर गोबर के उपले,फूल माला से सजावट की गई है। पूरी तरह गोहरी से तैयार होलिका में एक श्लोक लिखकर समाज को पेड़ न काटने के लिए प्रेरित किया गया है। संदेश है “न पेड़ काटेंगे न कटने देगे। पेड़ है तो हम हैं पेड़ नही तो हम नहीं। इस विशालकाय होलिका की गोद में प्रह्लाद की मूर्ति भी स्थापित है।
श्रीधर/सियाराम