हाथ, आंख व चेहरा सुरक्षित रखकर ही दीपावली मनाएं : सीएमओ

– आतिशबाजी के समय सैनिटाइजर को रखें दूर

– हरित पटाखों के साथ करें आतिशबाजी

वाराणसी (हि.स.) । जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ्र राहुल सिंह ने लोगों से दीपावली पर्व पर सुरक्षा को लेकर बड़ी अपील की है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि दीपावली पर्व मनाइए लेकिन अपने हाथ, आंख और चेहरा सुरक्षित रखकर। खासकर बच्चों पर आतिशबाजी के दौरान सख्त निगरानी बनाए रखें। बुधवार को बयान जारी कर डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि आतिशबाजी के दौरान यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते हुए पानी से साफ कर लें। तत्काल नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में परामर्श लें। ध्यान रखें कि जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है और जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी नहीं लगानी है।

बताया कि आतिशबाजी का प्रदूषण आंखों, नाक और गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। प्रदूषण से सांस और एलर्जी की समस्या होती है। डॉ. सिंह ने बताया कि बच्चों को पटाखों से दूर रखें। यदि आतिशबाजी करनी ही है तो अपनी ही देख-रेख में ही पटाखे जलाएं।

कैसे करें आतिशबाजी

वैध दुकान से ही पटाखे खरीदें और आतिशबाजी के दौरान बच्चों को सख्त निगरानी में रखें

आतिशबाजी स्थल पर एक बाल्टी पानी और प्राथमिक उपचार किट साथ में रखें

एक समय में एक व्यक्ति एक पटाखा ही जलाएं

जला चुके पटाखे को न छूएं,दोबारा कभी भी फट सकता है

झोपड़ी के आसपास या फिर बंद कमरे में कभी भी पटाखा न जलाएं

राकेट या हवा में उड़ने वाले पटाखे जलाने से पहले सीधा कर लें

यथासंभव जीरो पावर वाला चश्मा लगाकर ही आतिशबाजी करें

सैनिटाइज दूर रखें

कोरोना काल में हमने हर सामान को सैनिटाइज करने की आदत डाल ली है। लेकिन आतिशबाजी से पहले पटाखों और अपने हाथ को सैनिटाइज करने से बचें। आतिशबाजी से पूर्व साबुन से हाथ धोएं न कि सैनिटाइज का उपयोग करें। सैनिटाइजर एक ज्वलनशील सामग्री है और इससे आग लगने और बढ़ने का सदैव खतरा रहता है।

कोविड प्रोटोकाॅल न भूलें । मास्क लगाकर ही बाजार जाएं और कम भीड़ वाली दुकान पर ही खरीदारी करें। बाजार से लौट कर जूते-चप्पल बाहर ही उतार दें। बाजार से लाये गए सामान को सेनेटाइज करें और अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथ धुलने के बाद ही घर के किसी सामान को हाथ लगाएं।

हरित पटाखे ही खरीदें

कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ जिलों में हरित पटाखों की बिक्री के लिए निर्देश दिया है। इन जिलों में लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गाज़ियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, बुलंदशहर, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, अलीगढ़ और अयोध्या शामिल हैं। हरित पटाखों को प्रदूषण के मानकों पर तैयार किया जाता है यानि इसमें सल्फर और नाइट्रोजन की मात्रा कम रखी जाती है। इससे आतिशबाजी के दौरान 50 फीसद कम धुआं निकलता है। इनकी आवाज और रोशनी भी पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम होती है।

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