हाथरस प्रकरण : यूपी में जातीय दंगा फैलाने के लिए मॉरीशस से भेजे गए 50 करोड़ रुपये

लखनऊ (हि.स.)। हाथरस प्रकरण की जांच कर रही सुरक्षा जांच एजेंसियों के हाथ कई ऐसे साक्ष्य लगे हैं जिसमें यह दावा किया गया है कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने के लिए विदेशों से फंडिंग की गयी है। 
सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण की जांच में जुटी प्रवर्तन निदेशालय की शुरुआती रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस कांड के बहाने जातीय दंगा फैलाने के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पास अकेले मॉरिशस से 50 करोड़ भेजे गए हैं। पूरी फंडिंग 100 करोड़ से अधिक रुपये बतायी जा रही है। हालांकि इस बात पर कितनी सच्चाई है आने वालें दिनों में इस बात का खुलासा जांच कर रही सीबीआई और ईडी ही करेगी। 

हाथरस के चंदपा कोतवाली में हुई घटना को लेकर राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इधर मामले की जांच कर रही सुरक्षा जांच एजेंसियों ने गोपनीय सूचना पर यमुना एक्सप्रेस वे से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। एसपी देहात श्रीश चंद्र के अनुसार पकड़े गये संदिग्ध स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सवार थे। इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से पाया गया है। इनके कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप एवं संदिग्ध साहित्य (शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला) प्राप्त हुआ था। इससे पहले एक वेबासाइड बनाकर प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की पूरी साजिश का खुलासा हुआ था। इसमें प्रदेश सरकार को पूरी तरह बदनाम करने की साजिश रची गयी थी। 

उल्लेखनीय है कि जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ था कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए रातों-रात एक वेबसाइट बनायी गयी थी। इसके तहत प्रदेश में दंगा फैलाने के लिए साजिश रची गयी और वेबसाइड के जरिये विदेशों और इस्लामिक देशों से करोड़ों में फंडिंग की गयी। मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम के बाद प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है। ईडी वेबसाइट के जरिए किन-किन लोगों के खातों में पैसे आये हैं, उसकी जांच करेगी। इससे पहले एसआईटी मामले की जांच कर रही है और राजधानी लखनऊ, हाथरस समेत कई जनपदों के थानों में कई एफआईआर दर्ज हो चुकी है। 

error: Content is protected !!