हाईकोर्ट ने पूछा-प्रयागराज में फ्लाइट सेवाएं क्यों कम की जा रहीं

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, एयरफोर्स, डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन से पूछा है कि वह बताएं कि प्रयागराज एयरपोर्ट से देश के अन्य प्रमुख शहरों को जाने में फ्लाइट्स की कनेक्टिविटी दिनों दिन क्यों कम की जा रही है।

कोर्ट ने सभी विपक्षी को इस जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे पर अपने विभाग से जरूरी जानकारी लेकर कोर्ट को बताने को कहा है। हाईकोर्ट इस याचिका पर 29 मई को पुनः सुनवाई करेगी।

हाईकोर्ट में अधिवक्ता विनीत पांडेय ने एक जनहित याचिका दायर कर प्रयागराज से अन्य प्रमुख शहरों को जाने वाली फ्लाइट्स की सेवाएं दिनों दिन कम करने का मुद्दा उठाया है और कहा है कि सरकार को प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण शहर में हवाई सेवाएं और ज्यादा बढ़ानी चाहिए, बावजूद इसे कम किया जा रहा है।

यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने अधिवक्ता विनीत पांडेय की जनहित याचिका पर पारित किया। प्रदेश सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने याचिका का समर्थन किया तथा कहा कि प्रयागराज से यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है। कहा गया कि लखनऊ, वाराणसी के बाद प्रयागराज का तीसरा स्थान है। परन्तु इसके बाद भी दिनों दिन अन्य शहरों को जाने वाली फ्लाइट्स स्थाई तौर पर निरस्त कर दिया गया है।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता का कहना था कि प्रयागराज से हैदराबाद, बैंगलोर, पुणे, चेन्नई आदि प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ान होनी चाहिए। इन शहरों के लिए यात्री काफी है, परंतु सेवाएं देना तो दूर पहले से मिल रही एयर सेवा भी खत्म की जा रही है। याचिका में मांग की गई है कि पूर्व में जारी सेवा बहाल की जाय तथा नये प्रमुख शहरों जैसे हैदराबाद, चेन्नई, जयपुर आदि की भी नियमित सीधी उड़ान शुरू किया जाय। याचिका में कहा गया है कि प्रयागराज में महाकुंभ होने वाला है। ऐसे में यहां लाखों करोड़ों की संख्या में लोग आएंगे। इस कारण देश के हरेक प्रमुख शहरों को हवाई सेवा से जोड़ना जरूरी है। हाईकोर्ट इस जनहित याचिका पर 29 मई को सुनवाई करेगी।

आर.एन/दिलीप

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