हज़रत इमाम हुसैन अस ने 28 रजब को छोड़ा था मदीना : जमाल हैदर करबलाई
मोहम्मद शाहिद रिपोर्ट
सरवर ने घर को छोड़ा सूना हुआ मदीना..
नौहा मातम के साथ निकला अमारी जुलूस
हल्लौर स्थित इमाम बारगाह कनीज़ रबाब में हुआ सफ़र ए हुसैनी का आयोजन
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। मुसलमानों के रसूल हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में (28 रजब) शुक्रवार को कस्बा हल्लौर स्थित इमाम बारगाह कनीज़ रबाब में सफ़र ए हुसैनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कस्बे सहित आसपास के इलाके के बड़ी तादात में अकीदतमंदों ने शिरकत की। कार्यक्रम में मरसिया, मजलिस हुई, जिसके बाद मातमी जुलूस के साथ अमारी का जुलूस निकाला गया। जिसे देखने और बोसा लेने के लिए हर हुसैनी शैदाई बेताब नजर आया।
हर साल की तरह इस साल भी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अंजुमन फरोग-ए-अजा के बैनर तले इमाम बारगाह कनीज रबाब में सबसे पहले मजलिस आयोजित हुई। मरसियाख्वानी के फ़रायज़ को शाहिद आलम व उनके हमनवां ने अंजाम दिया। इसके बाद मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 28 रजब को इमाम हुसैन अस अपने छोटे से काफिले के साथ नाना हज़रत मुहम्मद साहब का प्यारा वतन मदीना छोड़ा था इनका काफिला दो मोहर्रम को कर्बला की ज़मीन पर पहुँचा। जहाँ 10 मोहर्रम को इमाम हुसैन अस ने अपने परिवार के बड़े बच्चों व साथियों के साथ शहादत अंजाम पायी। अंत में सफर ए हुसैन का दर्दनाक मसाएब बयान किया जिसे सुन हर आंख अश्कबार नज़र आई। मजलिस के बाद नौहा मातम के साथ अमारी का जुलूस निकला। जुलूस के साथ इमाम हुसैन अस की सवारी शबीह ए ज़ुलजनाह भी निकाला गया। जिसका बोसा लेने हर शैदाई बेताब नज़र आया। या अली या हुसैन की सदाओं के बीच जुलूस दरगाह चौक पहुँचा जहाँ अज़ीम हैदर ने इमाम हुसैन अस के फजायल व मसाएब बयान किया। यहाँ से दरगाह हज़रत अब्बास, जन्नतुल वकी होता हुआ कर्बला पहुँचकर जुलूस खत्म हुआ। जुलूस के दौरान कामयाब, मोहम्मद हैदर, कायनात, नफीस, फ़ज़ले अहमद आदि ने नौहा पढ़ा। इस मौके पर जुहेर, शीबू लारा, सोजफ़, राजू मेडिकल, हैदर अब्बास जैकी, काज़िम रज़ा, साजिद अब्बास मंटू, मंज़र, ख़ुशतर, अकील, शबाब, काज़िम रज़ा, तसकीन, शमशाद अली, पप्पू, आफताब प्रेस, अमानत, बबलू, लकी, हसन जमाल, कामयाब सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
कस्बे में जगह जगह रहा सबील का इंतज़ाम
सफर ए हुसैनी के मौके पर हल्लौर कस्बे में मोमनीन व अकीदतमंदों के लिए सबील का इंतेजाम किया गया जिसमें अल हैदर ग्रुप की जानिब से फ्रूट जूस, पानी, सबील का व्यापक इंतेज़ाम दिखाई दिया। इस मौके पर अमानत, समर, सलमान, अरमान, सलीम जौहर, सुल्तान, मोअत्तर, वसी रिंकू अली सैफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।इसी तरह जनाबे सकीना के रौज़े के पास कामयाब, आफ़ताब प्रेस, शबीह, अज्जू, शमीम रज़ा, काज़िम रज़ा आदि ने स्टाल लगाकर सबील वितरण किया। वही दरगाह चौक पर असगर ट्रेडर्स, अब्बास एचएनएफ, सानू, शहज़ाद अब्बास, जानू दरगाह हज़रत अब्बास के पास अंजुमन फेदाये अबुल फ़ज़लिल अब्बास की जानिब से सबील की व्यवस्था की गई जिसमे गुड्डू बाबा, लकी, आबिश, सुल्तान, लाडले, एजाज़ अहमद, अहसन मेंहदी, फ़िरोज़ अब्बास, आरज़ू, यूसुफ, परवेज़, मीसम, दानिश, सनी, रेहान आदि ने लोगो का विशेष योगदान रहा।