स्वास्थ्य इकाईयों पर मनाया गया ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस’
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बुधवार को जिला महिला अस्पताल समेत समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस मौके पर महिला रोग विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सम्पूर्ण जांच कर उनका टीकाकरण किया गया। विटामिन, आयरन-फोलिक एसिड व कैल्शियम की दवाएं वितरित कर महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव उपरान्त संतुलित और पौष्टिक आहार लेने, साफ-सफाई रखने, समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने और प्रसव संस्थागत कराने के लिए प्रेरित किया गया। जिला महिला अस्पताल में आयोजित सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ललिता केरकट्टा, डॉ दीपमाला व डॉ इल्मा कुरैशी द्वारा 102 गर्भवती महिलाओं की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की गई। इस दौरान महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप, ब्लड-शुगर, एचआईबी, हेपेटाइटिस-बी व पेट की जाँच की गयी। इसके अलावा महिलाओं को टिटनेस का टीका लगाया गया तथा आयरन-फोलिक एसिड, कैल्शियम और अन्य आवश्यक दवाएं वितरित की गयीं। जाँच के दौरान एचआरपी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) पाई गयी महिलाओं को आयरन-शुक्रोज लगाया गया तथा उन्हें दवा के नियमित सेवन के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी। इस मौके पर डॉ ललिता ने बताया कि किसी गर्भवती महिला में यदि 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होता है, तो उसको सीवियर एनीमिया की स्थिति में रखा जाता है। वहीं डॉ दीपमाला ने कहा कि गर्भावस्था के समय महिलाओं को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच करानी चाहिए और नियमित चिकित्सीय सलाह लेते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियों, अंकुरित चना एवं दाल, गुड़ आदि का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी होता है।
इस मौके पर जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ एपी मिश्र ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व दिवस का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को जागरूक करना, सुरक्षित प्रसव और शिशु को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के साथ ही मातृ मृत्यु-दर को कम करना है। सुरक्षित मातृत्व दिवस के मौके पर 80 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड व 107 महिलाओं की पैथालाजी जांच की गयी। सीएचसी मनकापुर में अधीक्षक डॉ मनोज कुमार के नेतृत्व में सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया, जिसमें डॉ डी के भास्कर, डॉ हिमांशु कुमार, स्टाफ नर्स सुमन सिंह, बीनू वर्मा, एएनएम अमिता, रेनू एवं वन्दना पाण्डेय द्वारा 95 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सम्पूर्ण जाँच एवं परामर्श सेवायें प्रदान की गयी। इस दौरान 20 महिलाएं एचआरपी पायी गयीं, जिनमें से तीन का हीमोग्लोबिन मात्र सात ग्राम ही पाया गया। इसके अलावा तीन महिलाएं हाई बीपी की चिन्हित की गयीं। अधीक्षक डॉ मनोज ने बताया कि सभी महिलाओं का वजन लेने के साथ उनका हीमोग्लोबिन, एचआईवी, यूरिन, ब्लड-प्रेशर, पेट की जाँच, बच्चे की धड़कन सुनना तथा ब्लड-शुगर की जाँच की गई। महिलाओं को सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। इसी क्रम में सीएचसी वजीरगंज में आयोजित सुरक्षित मातृत्व दिवस में 47 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सभी जाँच कर चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया गया। अधीक्षक डॉ आशुतोष शुक्ला, महिला चिकित्सक डॉ भावना व अन्य चिकित्सकों की देखरेख में महिलाओं का वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप, शुगर, एचआईबी, हेपेटाइटिस-बी और वीडीआरएल की जाँच की गयी। जाँच के दौरान सात महिलायें एचआरपी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) की पायी गयीं, जिनका हीमोग्लोबिन स्तर बेहद कम होने के कारण अधीक्षक डॉ आशुतोष शुक्ला द्वारा तत्काल उन्हें आयरन-शुक्रोज़ लगावाया गया तथा उन महिलाओं को नियमित दवा लेने के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी। इसके अलावा दो महिलाएं एनीमिक पायी गयीं, जिन्हें दो आयरन गोली रोज खाने एवं खान-पान पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूताओं को प्रसव पूर्व व बाद में उचित पोषण, सही खान-पान और स्वास्थ्य संबंधित सावधानियां रखने के लिए प्रेरित किया।