स्वतंत्र पत्रकार को यूपी पुलिस ने फिर किया गिरफ्तार
राम मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर से संबंधित एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर फ्रीलांस पत्रकार प्रशांत कनौजिया (च्तेंंदज ज्ञंदवरपं) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत कनौजिया पर आरोप है कि उन्होंने राम मंदिर को लेकर विवादित टिप्पणी की है, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है। प्रशांत कनौजिया को पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
बीते साल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में भी प्रशांत कनौजिया को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। बता दें कि 08 जून 2019 को लखनऊ पुलिस ने प्रशांत कनौजिया को आईपीसी की धारा 500 व 505 (1) (बी) के साथ ही आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। 07 जून को सब-इंस्पेक्टर विकास कुमार ने प्रशांत के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक प्रशांत ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया को तत्काल रिहा करने का आदेश देते हुए कहा था कि संविधान में प्रदत्त स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार पवित्र है। इससे समझौता नहीं किया जा सकता। चूंकि इस मामले में जरूरत से ज्यादा कार्रवाई की गई है, लिहाजा उसी के मद्देनजर यह आदेश दिया जा रहा है। हालांकि, कोर्ट ने इसके साथ ही यह स्पष्ट भी किया कि जमानत देने का अर्थ उसकी पोस्ट अथवा उसके ट्वीट को स्वीकृति देना नहीं है। उसके खिलाफ कानून सम्मत कार्यवाही चलती रहेगी।