स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सचिन पायलट
राज्य डेस्क
जयपुर। कांग्रेस राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 विधायकों ने राजस्थान स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई टल गई। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पायलट कैंप ने राजस्थान विधानसभा द्वारा अयोग्य करार दिए गए विधायकों की याचिका में संशोधन करने के लिए समय मांगा है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट में याचिका सचिन पायलट का समर्थन वाले विधायक पृथ्वीराज मीणा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पायलट और उनके बागी विधायकों की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि असंतुष्ट विधायक राजस्थान अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता संविधान की दसवीं अनुसूची में निहित दलबदल विरोधी कानून को चुनौती देंगे। हाईकोर्ट ने नई याचिका दायर करने के लिए पायलट और उनके विधायकों को समय दिया और इस मामले की सुनवाई अब डिवीजन बेंच द्वारा की जाएगी जब संशोधित याचिका दायर की जाएगी।
राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने पुष्टि की है कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने का नोटिस भेजे गए हैं। वहीं सचिन पायलट ने इस आधार पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है कि गहलोत सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस का कोई कानूनी आधार नहीं है। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी द्वारा शिकायत के बाद राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने मानेसर रिसॉर्ट में सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को नोटिस भेजा। मंगलवार को दूसरी सीएलपी बैठक में शामिल नहीं होने पर सचिन पायलट और उनके विधायकों के खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की थी। जब वह बैठक में शामिल नहीं हुए तो कांग्रेस ने उन्हें राजस्थान के डिप्टी सीएम और पीसीसी प्रमुख के पद से हटा दिया। सचिन पायलट को अभी अपने अगले कदम की घोषणा करनी है। हालांकि, पायलट साफ कर चुके है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे।
राजस्थान में कांग्रेस विधायको की बाडेबंदी के बीच उपमुख्यमंमंत्री पद से निष्कासित किए गए सचिन0 पायलट के कांग्रेस में वापसी बहुत मुश्किल हैं। कांग्रेस विधायक दल ने पालयट को निष्कासित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से किया था। पायलट के निष्कासन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन पर सरकार गिराने के लिए 20 करोड़ का सौदा करने का आरोप लगाया था। बाद में पायलट ने लम्बी चुप्पी के बाद जब यह कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में नहीं जाएगें तो यह कयास लगाये जाने लगा है कि उनकी कांग्रेस में वापसी हो सकती है। पायलट के अभी नरम रूख रखते हुये कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें जयपुर लौटने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं आए। सरकार गिराने में पायलट की भूमिका सामने आने के बाद उनके खिलाफ कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है तथा वह नहीं चाहते कि पायलट वापस आये क्योकि उनके आने के बाद गुटबाजी फिर बढ़ सकती है।