स्पर्श चिकित्सा अपनाकर साइलेंट हार्टकिलर से बचें : सतीश राय
प्रयागराज (हि.स.)। लोगों में हार्ट अटैक का खतरा जो 60 वर्ष के बाद था, वह आज नौजवानों मे वायरस की तरह हो गया है। हार्ट अटैक से लोग हैरान और परेशान हैं। हार्ट अटैक को लोग कोविड 19 से जोड़ कर देख रहे हैं। कारण कि यह घटनाएं कोविड के बाद तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कोविड 19 के बाद लोगों के शरीर में खून के थक्के बनने की प्रक्रिया बढ़ी है, जिसके कारण हार्ट अटैक आ रहे हैं। स्पर्श चिकित्सा को अपनाकर साइलेंट हार्टकिलर से भी बच सकते हैं।
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान मधुवन विहार स्थित रेकी सेंटर पर स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने लोगों से कही। उन्होंने कहा कि आजकल चलते-चलते अचानक गिर कर मौत, डांस करते समय, जिम करने या व्यायाम करने वालों को भी हार्ट अटैक, मॉर्निंग वॉक आदि से हार्टअटैक से मौत जैसी घटनाएं घट रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकसित न होना इसकी को एक्सपर्ट बड़ी वजह है। डॉक्टर एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि जंक फूड का इस्तेमाल और आधुनिक रहन-सहन भी इसकी जिम्मेदार है।
सतीश राय ने कहा कि हृदय में बिना दर्द हुए अचानक मौतें हो रही है जो रहस्य है। डॉक्टर विशेषज्ञ इसे हार्ट फेल बता रहे हैं। अचानक गिरकर मौत अन्य कारणों से भी हो सकता है। ब्रेन को ब्लड की सप्लाई न होने से भी यह समस्या हो सकती है। रिसर्च होने पर ही सच सामने आएगा। शरीर में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर स्पर्श चिकित्सा या स्पर्श-ध्यान शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है। स्पर्श चिकित्सा सुस्त पड़ी इंद्रियों को जागरूक करती है और शरीर पर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बन जाता है, जो शरीर को आसपास छाए संक्रमण से बचाता है।
राय ने कहा कि आध्यात्मिक उपाय करने से व्यक्ति अंदर से मजबूत बनता है। स्पर्श चिकित्सा का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। हमारे ऋषि मुनि स्पर्श चिकित्सा की शक्ति का प्रयोग कर हमेशा स्वस्थ और निरोग रहते थे। भगवान बुद्ध एवं ईसा मसीह में भी स्पर्श चिकित्सा की शक्ति थी। यह शक्ति प्राप्त कर प्रयोग में लाना बहुत सरल है।यह बिना धन खर्च किए स्वस्थ एवं निरोग रहने का सर्वोत्तम उपाय है। पुराना रोग भी इसमें उभरकर ठीक हो जाता है।
विद्या कान्त