स्कूल में टीचर महिला चपरासी से कर रहा था गंदी हरकत
-हाईकोर्ट ने स्कूल में कम्प्लेंट कमेटी गठित कर दो माह में सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट देने का दिया निर्देश
प्रयागराज(हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक टीचर द्वारा मृतक आश्रित पद पर नियुक्त महिला चपरासी से गंदी हरकत करने के मामले में स्कूल में इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि गठित इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी दो माह में अपनी रिपोर्ट सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करे। कोर्ट ने जिला पंचायत परिषद के अध्यक्ष को रिपोर्ट मिलने के बाद तदनुसार कार्रवाई करने को कहा है।
यह आदेश जस्टिस विकास बुधवार ने श्रीमती इंदु देवी की याचिका पर पारित किया है। याचिका पर अधिवक्ता आलोक कुमार यादव का कहना था कि महिला चपरासी की नियुक्ति जिला पंचायत गर्ल्स इंटर कॉलेज उग्रसेनपुर प्रयागराज में मृतक आश्रित के रूप में वर्ष 1993 से हुई है। बताया गया कि आगरा से तबादला करा कर वर्ष 2014 में आए एक टीचर महिला के साथ गंदे-गंदे शब्द का प्रयोग करता है तथा उसके साथ गंदी हरकतें भी करने की कोशिश की। अधिवक्ता ने बताया कि यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण कानून 2013 के अंतर्गत इस विद्यालय में कोई भी इंटरनल इंक्वायरी कमेटी गठित नहीं है और इस कारण कई शिकायतों के बावजूद टीचर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
कोर्ट के समक्ष याची की तरफ से अधिवक्ता के यह कहने पर कि कार्रवाई से नाराज होकर विपक्षी उसे और दिक्कत पैदा कर सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि महिला को यह अधिकार होगा कि वह उक्त अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी को अर्जी दे।
मामले के अनुसार जिला पंचायत गर्ल्स इंटर कॉलेज उग्रसेनपुर प्रयागराज 12 वीं तक बच्चों को शिक्षा देता है। यह संस्था यूपी बोर्ड आफ हाई स्कूल एंड इंटरमीडिएट से मान्यता प्राप्त है। सरकार तथा जिला पंचायत की तरफ से भी यह स्वीकार किया गया कि कॉलेज में कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध व निवारण अधिनियम) 2013 के अंतर्गत कोई भी इंटरनल कंप्लेंट कमेटी गठित नहीं है। इस घटना को लेकर फूलपुर, प्रयागराज थाने में प्राथमिकी की भी दर्ज कराई जा चुकी है। बताया गया कि महिला अगस्त 2022 से बार-बार अपनी शिकायत टीचर के खिलाफ दर्ज करा रही है, परंतु कोई कार्रवाई नहीं की गई। विवश होकर उसे न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।
आर.एन/सियाराम