सुशांत के मोबाइल में 5 दिन में बदले गए 14 सिम
मुंबई गई बिहार एसआईटी टीम को मिले कई सुराग
राज्य डेस्क
पटना। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच कर रही पटना पुलिस को अब तक कई अहम सुराग मिले हैं। अब तक दर्ज किये लोगों के बयान से एसआईटी को यह पता चला है कि 9 से 13 जून के बीच सुशांत सिंह के मोबाइल में 14 सिम बदले गए थे।
फुटेज का नहीं चल रहा पता :
बताया यह भी जा रहा है कि सोची समझी साजिश के तहत घटना के बाद बांद्रा सोसाइटी समेत सुशांत के फ्लैट में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज मुंबई पुलिस व साजिशकर्ताओं ने अपने कब्जे में ले लिया। शायद यही वजह है कि पटना एसआईटी को अब तक फुटेज समेत अन्य इलेक्ट्रोनिक्स सबूत नहीं मिल सके हैं। इसकी पुष्टि बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने खुद की है। जांच के चलते परत-दर-परत कलई खुलकर सामने आ रही है। अब सुशांत सिंह के पोस्टमार्टम पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं। सीबीआई जांच की मांग करने वाले तमाम लोगों का कहना है कि नियमत पोस्टमार्टम के लिए सुबह 6 से शाम 6 बजे तक का ही समय निर्धारित है। विशेष परिस्थिति में मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही रात में पोस्टमार्टम किया जाता है। मगर बांद्रा पुलिस ने इसकी परवाह किए बिना सुशांत के शव का पोस्टमार्टम रात में एक घंटे के बीच करा दिया।
एसआईटी को किसी तरह की सुरक्षा मुंबई पुलिस ने नहीं दी है। विशेष पुलिस टीम के चारों अफसर अकेले ही सभी जगहों पर इस केस से जुड़े लोगों का बयान लेने जा रहे हैं। इसके अलावा जिन लोगों से पूछताछ करनी है उनसे बातचीत करने में एसआईटी की कोई मदद मुंबई पुलिस नहीं कर रही है। रिया अक्सर सुशांत के घर में पूजा-पाठ कराती थी। एक महीने में तीन से चार बार पूजा-पाठ होते थे। इसके लिए सामान खरीदने के लिए पैसे का भुगतान सुशांत के खाते से होता था। वर्ष 2019 के 14 जुलाई से 15 अगस्त तक तीन बार सुशांत के खाते से पंडित को देने के लिए रुपये निकाले गए। गौर हो कि सुशांत के पिता ने अपने केस में भी इसका जिक्र किया था कि रिया उनके बेटे के घर पूजा-पाठ कराती थी। भूत-प्रेत की बात कहकर सुशांत को डराया जाता है। बैंक खाते के स्टेटमेंट से एफआईआर में लिखी बातों को बल मिलता है। सुशांत प्रकरण में धीरे-धीरे सारे सबूत सामने आते जा रहे हैं। बैंक खाते के स्टेटमेंट ने काफी कुछ बयां कर दिया है। पटना पुलिस की जांच में ये सारी बातें और सबूत भी बेहद अहम हैं। कानून के जानकार बताते हैं कि इससे आगे की कार्रवाई करने में पुलिस टीम को आसानी होगी।