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सुधाकर जी नहीं रहे

गोंडा जनपद के वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और प्रख्यात व्यंग्यकार हनुमान सिंह सुधाकर का गुरुवार शाम निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे और लंबे समय से बुजुर्गावस्था जनित बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्हें दो दिन पूर्व शहर के एक प्रतिष्ठित निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। गुरुवार की शाम उन्होंने अपने निवास पर अंतिम सांस ली।
हनुमान सिंह सुधाकर जनपद की पत्रकारिता के एक स्तंभ थे। वे कई प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में संपादन का कार्य कर चुके थे। उनके व्यंग्य लेखन की गहरी पकड़ और पैनी लेखनी ने उन्हें न केवल पत्रकारिता बल्कि साहित्य जगत में भी एक अलग पहचान दिलाई थी। उन्होंने अपने जीवन में अनेक सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर बेबाकी से लिखा, जिससे वे हमेशा चर्चा में बने रहे।
उनके निधन से गोंडा जनपद के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सुधाकर जी के परिवार पर यह दूसरी बड़ी त्रासदी है, क्योंकि कुछ महीने पहले ही उनके एक पुत्र का भी गंभीर बीमारी के चलते निधन हो गया था। उनके पुत्र सुधीर सिंह ने बताया कि गुरुवार शाम उनका निधन घर पर ही हुआ।
वरिष्ठ पत्रकार के निधन की खबर फैलते ही जनपद के पत्रकार, साहित्यकार और बुद्धिजीवी समाज में गहरा शोक व्याप्त हो गया। विभिन्न संस्थाओं और पत्रकार संगठनों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी पत्रकारिता व लेखनी को याद किया। उनके निधन से पत्रकारिता जगत ने एक निष्पक्ष, निर्भीक और कुशल संपादक को खो दिया है, जिसकी भरपाई असंभव है।

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