सीसीटीवी के जरिये कोविड-19 अस्पतालों की हो बराबर निगरानी : जिलाधिकारी

कानपुर। प्राइवेट कोविड-19 अस्पतालों में बराबर प्रशासन को शिकायत मिल रही है कि मरीजों से अधिक रुपया लिया जा रहा है। इसके साथ कोविड के प्रोटोकाल के मुताबिक इलाज में भी शिथिलता बरती जा रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार किया है और बराबर ऐसे अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। शुक्रवार को एसआईएस अस्पताल का निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये कोविड अस्पतालों की बराबर निगरानी होती रहे। 
जिलाधिकारी आलोक कुमार तिवारी ने शुक्रवार को कल्याणपुर के आवास विकास स्थित एसआईएस कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि  प्राइवेट कोविड फैसिलिटी में बेहतर इलाज किया जाये। सीसीटीवी फुटेज विजवल सभी अस्पतालों में रहे। आईसीयू में लगे कैमरों की निगरानी स्टैटिक मजिस्ट्रेट देखते रहे। इसके साथ ही स्टैटिक मजिस्ट्रेट को यह भी देखना है कि रोस्टर के अनुसार डाक्टर आ रहे हैं या नहीं। स्टैटिक मजिस्ट्रेट ओवर बिलिंग पर भी निगरानी रखें। मरीजों के परिजनों को उनकी स्थिति भी लगातार बताई जाती रहे। प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी को पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए एक -एक  स्टैटिक मजिस्ट्रेट सभी कोविड फैसिलिटी में नियुक्त किया गया है। जिनके द्वारा लगातार यह निगरानी रखी जायेगी की मरीजां को बेहतर इलाज मिले। रोस्टर के अनुसार सभी डाक्टर आए और उनके द्वारा भ्रमण भी होता रहे, इसको सुनिश्चित कराने के लिए इन स्टैटिक मजिस्ट्रेट को लगाया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि एक्सपर्ट डॉक्टरों की भी राय आईसीयू में भर्ती मरीजों के विषय मे लिया जाता रहे जिसकी सूचना भी लिखी जाये कि किस डाक्टर से सलाह किस मरीज के लिए ली गई। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जो भी मरीज  प्रतिदिन आपके हॉस्पिटल में फैसिलिटी एलोकेट के माध्यम से आ रहे हैं, उनके एडमिट होने की सूचना यूपी कोविड पोर्टल पर उसी दिन अपलोड हो जाए तथा  जिस दिन वह डिस्चार्ज हो रहे हैं उसकी भी सूचना उसी दिन अपलोड कर दी जाए। अपलोडिंग की पेंडीसी नहीं रहनी चाहिए। इसी प्रकार यदि किसी मरीज की मृत्यु होती है तो उसी दिन उसका भी पोर्टल पर अपलोड कर लिया जाये, इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उक्त समस्त व्यवस्थाओं की सूचना प्रतिदिन स्टैटिक मजिस्ट्रेट सीएमओ को दे। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल मिश्रा उपस्थित रहें।

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