साइबर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई से कसा शिकंजा

-साइबर अपराधियों के 3,760 मोबाइल नम्बरों को कराया गया ब्लॉक
-साइबर क्राइम हेल्प डेस्क में प्राप्त कुल 56 शिकायतों में से 46 का खुलासा


लखनऊ(एजेंसी)। प्रदेश सरकार ने कहा है साइबर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए शिकंजा कसा गया है। इसके साथ ही साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर क्राइम इकाई को और अधिक मजबूत बनाया जा रहा है। 
दरअसल, साइबर अपराधी कोरोना महामारी के समय अपराध के नये-नये तरीके अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री केयर फंड के नाम पर धोखाधड़ी, रोजमर्रा के सामान की ऑनलाइन डिलीवरी व इस महामारी से राहत दिलाने के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं से सम्बन्धित धोखाधड़ी जैसे कई मामले सुर्खियों में आ चुके हैं। ऐसे साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जारी एडवाइजरी से साइबर अपराधों को रोकने में काफी सफलता मिली है।  
प्रदेश सरकार की ओर से रविवार को दी गई जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) पर 31 अगस्त 2019 से अब तक कुल 14,643 शिकायतें प्राप्त हुई जिन्हें सम्बन्धित जनपद में स्थानान्तरित कर आवश्यक कार्यवाही करायी गयी तथा साइबर सेफ पोर्टल पर अब तक साइबर अपराधियों के 3,760 मोबाइल नम्बरों को ब्लॉक कराया गया। 
इसी तरह 01 जनवरी 2019 से अब तक पुलिस मुख्यालय स्थित साइबर क्राइम हेल्प डेस्क में कुल 56 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 46 शिकायतों का खुलासा करते हुए कुल 7,48,859 रुपये पीड़ित व्यक्तियों के खाते में वापस कराये गये। शेष 10 शिकायतों पर कार्यवाही जारी है। 
प्रदेश सरकार के मुताबिक साइबर अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करने को साइबर क्राइम थाना लखनऊ व साइबर क्राइम थाना गौतमबुद्धनगर के अतिरिक्त 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर एक-एक साइबर क्राइम थानें की स्थापना की गयी है।
साइबर अपराधों के गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करने के लिए साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वुमेन ऐंड चिल्ड्रेन (सीसीपीडब्ल्यूसी) के तहत लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक साइबर फॉरेन्सिंक लैब का निर्माण किया गया है जिसमें 25 हाई एंड वर्क स्टेशन स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही डिस्क ऐंड मोबाइल फॉरेन्सिक सॉफ्टवेयर ऐंड हार्डवेयर टूल्स का भी क्रय कर स्थापित किया गया है ताकि विवेचना में  इन टूल्स की मदद से डाटा निकालकर विवेचना की उच्च गुणवत्ता को बरकरार रखा जाये एवं काम्प्लेक्स नेचर ऑफ साइबर क्राइम का सफलता पूर्वक निस्तारण किया जा सके।  
इसके साथ ही राज्य में साइबर अपराधों एवं सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर नियंत्रण लगाये जाने के लिए 08 जोन, 75 जनपद एवं 149 थानों पर साइबर सेल टीम का गठन किया गया है, जो वर्तमान में मुस्तैदी से अपना कार्य कर रही हैं। टीम के लिए 1,717 निरीक्षक, 1,717 उपनिरीक्षक, 3,458 मुख्य आरक्षी व आरक्षी एवं सपोर्ट टीम के लिए 93 निरीक्षक-उपनिरीक्षक व 186 मुख्य आरक्षी-आरक्षी की जनशक्ति की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही अब तक इस लैब के द्वारा 115 न्यायिक अधिकारी तथा 1098 पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सम्बन्धित अधिकारियों, कर्मचारियों की बीते वर्ष एक राज्य स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित करायी जा चुकी है। इसमें सभी जनपदों में गठित साइबर सेल के प्रभारियों व उनके अधीनस्थों तथा प्रदेश के 149 थानों में गठित जनपदीय साइबर क्राइम इन्वस्टीगेशन टीम (सीसीआईटी) के लोगों व पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों से लगभग 450 कर्मी शामिल हुए थे। 
इसके साथ ही नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) के कुशल संचालन के लिए यूपी 112 मुख्यालय स्थित साइबर फॉरेन्सिक लैब में कुल 73 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। 

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