सांस्कृतिक धरोहरों को सहेज रहा कुशीनगर महोत्सव : राजेश पांडेय
-रंगारंग प्रस्तुतियों से हुआ दस दिवसीय महोत्सव का समापन हुआ
कुशीनगर(हि. स.)। दस दिवसीय कुशीनगर महोत्सव के समापन सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद राजेश पांडेय ने कहा कि महोत्सव सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का कार्य कर रहा है। दूसरे इससे क्षेत्रीय प्रतिभाओं को पहचान मिल रही है। जिससे अब यहां के युवा अपने कौशल को सर्वोत्तम तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
सम्बोधन के दौरान ही दर्शकों ने उनसे कोई गीत गाने का अनुरोध किया, जिसे पूर्व सांसद टाल नहीं सके। उन्होंने वीर जारा फ़िल्म का गीत जानम देख लो मिट गई दूरियां….गाई तो पांडाल तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दर्शक उनसे बार-बार गाने की फरमाइश करते रहे।
तुर्कपट्टी सूर्य मंदिर के समीप देवताल तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने राधाकृष्ण की झांकियों के साथ फूलों की होली का सजीव मंचन किया। रितेश पांडेय के भजन – ”मथवा हथवा माई धइले रहिह, सबसे नीक बाटे सईया किसानी प्रस्तुत कर वह महोत्सव में छाप छोड़ी। अर्चना तिवारी के रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे…,स्नेहा उपाध्याय के ए राजा बनारस घुमा द…., पर तालियों से पांडाल गूंज उठा। हैरी, प्रिया रघुबंशी, अभिषेक सिंह,दिनेश तिवारी भोजपुरिया, सुनील मिश्र, हरिकेश, फरमान की प्रस्तुतियां भी सराही गईं।
आयोजन समिति अध्यक्ष विनय राय ने अतिथियों व कलाकारों को रुद्राक्ष की माला, अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय जनता व विशिष्ट जन उपस्थित रहे।