सरकार की नीति और नियत भांपकर बसपा ने लिया था फैसला: मायावती
लखनऊ(हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि सरकार की नीति और नियत को समय से भांपकर पार्टी ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर ब्लॉक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव को नहीं लड़ने का फैसला लिया। जो बाद के चुनावी घटनाक्रमों के मद्देनजर बिलकुल सही फैसला साबित हुआ।
मायावती ने कहा कि पंचायत के आम चुनाव में जिसमें जनता द्वारा सीधे मतदान करने का प्रावधान है, वहां पर बसपा का प्रदर्शन काफी अच्छा और विरोधियों को काफी चौकाने वाला था।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वैसे तो यूपी में पिछले कई वर्षों के दौरान कानून व्यवस्था 365 दिन खराब रही है। गरीबों, मजदूरों, किसानों, असंगठित श्रमिकों, छोटे मझोले व्यापारियों के साथ साथ समाज के कमजोर व उपेक्षित तबकों में खासकर दलित व अन्य पिछड़ा, मुस्लिम समाज के लोगों पर जुल्म ज्यादती तथा अन्याय अत्याचार की बात आम बात हो गई है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में हर प्रकार का अपराध बढ़कर यहां पूरी तरह से जंगलराज की अराजकता चल रही है। पिछले समाजवादी पार्टी शासनकाल से कुछ भी कम नहीं है। इसी कारण पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर ब्लॉक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव में सपा की तरह भाजपा ने भी धनबल, बाहुबल, सत्ता के घोर दुरुपयोग सहित अन्य हथकंडे अपनाकर अधिकतर सीटों जीतने का दावा किया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो, सपा की सरकार रही हो या फिर वर्तमान में भाजपा की सरकार हो, इनकी लोकतंत्र विरोधी सोच, जन विरोधी रवैया और कार्यकलापों के अनुभव के आधार पर लोगों में इनके प्रति जनता के सम्मान व स्वाभिमान को महत्व ना देने वाली धारणा बनी है।
उन्होंने कहा कि इनकी सरकारों को मानवीय लोकतांत्रिक मूल्यों मर्यादाओं की कोई परवाह है तो फिर ऐसे में कानून का सम्मान कानून के राज की स्थापना का सवाल ही कहां पैदा होता है। सत्ता को जैसे-तैसे तथा किसी भी कीमत पर हथियाने को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान जिस प्रकार से धनबल, बाहुबल तथा पुलिस सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग हुआ, उसके बाद सरकार द्वारा जीत का दावा और जश्न तो जनता के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है।