सनातन धर्म के प्रति आस्था का परिणाम है अयोध्या का राम मंदिर : शंकराचार्य
– शंकराचार्य वासुदेवानंद ने अयोध्या में श्री रामशिला अर्पित किया
प्रयागराज। सनातन धर्म के प्रति घोर आस्था, भारत की निष्पक्ष निर्भीक न्यायिक प्रक्रिया और देश के अंदर सभी वर्ग व विचारधारा के लोगों की आपस में सद्भावना ने ही अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। जो सनातन धर्म के प्रति आस्था का परिणाम है अयोध्या का राम मंदिर।
उक्त विचार श्रीमद्ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने शुक्रवार को अयोध्या यात्रा से लौटकर अपने अलोपी बाग स्थित श्री ब्रह्म निवास में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम मंदिर निर्माण प्रारंभ करने में विलम्ब होना ठीक था, लेकिन आपस में दुर्भावना का बने रहना ठीक नहीं था।
ज्योतिष्पीठ के प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने बताया कि शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का संतों एवं भक्तों का समूह प्रातः 8ः30 बजे ब्रह्म निवास से चलकर अयोध्या पहुंचा। जहां प्रभु श्रीराम लला के दर्शन पूजन व परिक्रमा किया। इसके बाद भूमि पूजन स्थल पर गए, जहां श्रीरामशिला अर्पित किया। तत्पश्चात् कारसेवकपुरम् पहुंचकर निरीक्षण किया। श्रीराम जन्मभूमि स्थल तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय से मिलकर प्रयाग वापस आ गए।
इस दौरान शंकराचार्यजी के साथ दंडी स्वामी ब्रह्मानंद (हैदराबाद), दंडी स्वामी जितेंद्रानंद, आचार्य विपिन, सीताराम शर्मा (जयपुर), मनीष, धनंजय बाबा, बंगाली बाबा सहित बीस संत थे।