सड़क पर क्यों उतरे गोंडा के डाक्टर?

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना के बाद देश भर के डॉक्टर सड़कों पर हैं। इस क्रम में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) गोंडा तथा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के रेजीडेंट मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए बांह पर काली पट्टी बांधकर कैंडिल मार्च निकाला। इससे पूर्व फेडरेशन आफ रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (फोर्डा) के आहवान पर महाविद्यालय के सीनियर व जूनियर रेजिडेंट ने प्राचार्य को एक मांगपत्र सौंपा।

बताते चलें कि कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डाक्टर के साथ दरिंदगी करने वालों को कठोर सजा देने तथा देश भर के सभी मेडिकल कालेजों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग को लेकर फोर्डा ने कार्य वहिष्कार का आहवान किया है। इसी क्रम में मंगलवार को स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय के सीनियर व जूनियर रेजिडेंट ने ओपीडी का वहिष्कार करके प्राचार्य डॉक्टर धनंजय श्रीकांत कोटस्थाने को मांग पत्र सौंपा। उनकी मांग है कि महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मामले में सरकार सख्त कदम उठाए। साथ ही उनके लिए सुरक्षा के उचित इंतजाम किए जाएं। देर शाम आइएमए तथा फोर्डा से जुड़े सैकड़ों चिकित्सक बाबू ईश्वर शरण सिंह जिला चिकित्सालय में एकत्रित हुए तथा बांह पर पट्टी बांधकर कैंडिल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। गुरुनानक चौक पर प्रदर्शन करते हुए चिकित्सकों ने महिला चिकित्सक के साथ जघन्य कृत्य को अंजाम देने वालों को फांसी देने तथा डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की। रेजिडेंट के कार्य वहिष्कार के कारण चिकित्सा सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। आपातकालीन वार्ड में जरूरी सेवाएं बहाल रहीं। डा. अरुण मिश्रा ने कहा कि आइएमए के आहवान पर 18 अगस्त तक हम आपातकालीन सेवाओं को बहाल रखते हुए अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। इसके अलावा संगठन की तरफ से समय-समय पर प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों व पैरामेडिकल कर्मियों की सुरक्षा सरकार को प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करना चाहिए।

विरोध प्रदर्शन में आइएमए के अध्यक्ष डा. एसके मिश्रा, सचिव डा. डीके राव, डा. एएस शुक्ला, डा. रेनू अग्रवाल, डा. किरन राव, डा. ऊषा अग्रवाल, डा. गौरी मलिक, डा. विजय मलिक, डा. घनश्याम गुप्ता, डा. अहमद जावेद सिद्दीकी, डा. विनीत, डा. रजनी तथा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के सीनियर व जूनियर रेजिडेंट डा. उमंग सिंह, डा. हर्षा, डा. आयुषी सरदाना, डा. मधुसूदन, डा. अनिल वर्मा, डा. आकृति, काजी साकिब, डा. रमेश पाण्डेय, डा. अखिलेश सिंह, डा. श्रुति गुप्ता, डा. बी. प्रशांत नाइक, डा. माण्डवी जायसवाल, डा. सौरभ पाण्डेय, डा. फलक वर्मा, डा. कमलेश कुमार, डा. आकाश, डा. मिथिलेश, डा. आनंद श्रीवास्तव, डा. दीपक सिंह, डा. राकेश, डा. श्वेता सिंह, डा. विश्व विजय, डा. नीहारिका, डा. नीरज, डा. नेहा यादव, डा. नैंसी त्रिपाठी, डा. शिवांगी राज, डा. रमेश कुमार, डा. अरिन, डा. प्रत्यूष, डा. अमन मद्धेशिया, डा. मो. सईद आदि उपस्थित रहे।

जांच के लिए पुलिस ने तलब किया चार रेजिडेंट

पुलिस ने मृतक डॉक्टर के साथ डिनर करने वाले चार जूनियर डॉक्टरों को फिर से तलब किया। कोलकाता पुलिस ने एचओडी, असिस्टेंट सुपरवाइजर, पुरुष-महिला नर्स, ग्रुप-डी स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों को भी कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार में तलब किया।

राष्ट्रीय महिला आयोग का दौरा

राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। आयोग ने कालेज के अधिकारियों और छात्रों के प्रतिनिधियों से बात की। अधिकारियों ने छात्रों की मांगों के संबंध में कुछ दिनों का समय मांगा है, ताकि मांगें पूरी की जा सकें। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने मंगलवार को देशभर में ओपीडी बंद का एलान किया था। दिल्ली समेत एनसीआर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

हाईकोर्ट ने की हड़ताल खत्म करने की अपील

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 साल की महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। कोर्ट ने कहा कि वे एक पवित्र पेशे से जुड़े हैं। इससे पहले कोर्ट ने महिला चिकित्सक की हत्या के मामले में जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि महिला चिकित्सक की हत्या से संबंधित सभी दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंपे जाएं। कोर्ट ने शुक्रवार सुबह सेमिनार हॉल में डॉक्टर के मृत पाए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन की कार्रवाई में गंभीर खामियों पर गौर किया। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता चाहते हैं कि स्वतंत्र निकाय की ओर से मामले की जांच कराई जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो सके।

हाईकोर्ट ने लगाई प्रिंसिपल को फटकार

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कई याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से एक याचिका पीड़िता के माता-पिता की भी थी, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की थी। न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉ. संदीप घोष की आलोचना करते हुए उन्हें आवश्यक अवकाश लेने का निर्देश दिया है। अदालत ने डॉक्टर के माता-पिता को सूचित करने में देरी और सरकार द्वारा डॉ. घोष के कथित बचाव पर भी सवाल उठाए।

एनएचआरसी ने लिया मामले का संज्ञान

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मामले से जुड़ सभी दस्तावेज तत्काल केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। अब मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।

डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए तीन सूत्री एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देशों के बाद इसे जारी किया गया है। आइए जानते हैं दिशा-निर्देशों में क्या-क्या कहा गया…
हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों से अपील है कि वे कॉलेज और अस्पताल परिसर में फैकल्टी, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी कर्मचारियों के लिए काम का सुरक्षित माहौल बनाएं। ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, हॉस्टल और परिसर और आवासीय क्वार्टरों में अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए। कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से चलने के लिए शाम को कॉरिडोर और परिसर में अच्छी रोशनी होनी चाहिए। इसके अलावा निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, हॉस्टल और आवासीय क्वार्टर और अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारियों (पुरुष और महिला) की तैनाती होनी चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए। मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की कॉलेज प्रबंधन द्वारा तुरंत जांच की जानी चाहिए। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। हिंसा की किसी भी घटना पर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट अनिवार्य रूप से घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को भेजी जानी चाहिए।

नड्डा ने की भारतीय चिकित्सा संघ के साथ बैठक

इससे पहले जेपी नड्डा ने भारतीय चिकित्सा संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। इस दौरान कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्याकांड को लेकर चर्चा की गई। आईएमए ने बीते दिन जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था, जिसमें आईएमए की तरफ से कई मांगें रखी गई थीं।

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