सजायाफ्ता पूर्व डीएसपी निधन के बाद, बिना अनुमति जयपुर भेजने पर फंसे मथुरा जिला जेल के अफसर


मथुरा। राजा मानसिंह हत्याकांड में दोषी ठहराए गए राजस्थान सरकार के पूर्व डीएसपी कान सिंह भाटी को इलाज के लिए बगैर कोर्ट के आदेश  के जयपुर भिजवाने पर मथुरा जिला जेल के अधिकारी फंस गए हैं। 
 जेल अधिकारियों के खिलाफ अब यह जांच की मांग उठी है कि हत्यारे कान सिंह भाटी को बगैर कोर्ट के आदेश के या बगैर डीएम के आदेश के दूसरे राज्य राजस्थान के मनपसंद सवाई मान सिंह अस्पताल जयपुर कैसे भिजवाया गया? उसके साथ मथुरा जिला जेल के सुरक्षा कर्मी भी नही थे।
रविवार को राजा मानसिंह हत्याकांड में पैरवी कर रहे आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह ’भैया’ ने इस मामले में पूछा है कि आखिर हत्या के दोषी को  किस आधार पर राजस्थान के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया? इसकी जांच होनी चाहिए।  अधिवक्ता श्री भैया का कहना है कि कान सिंह भाटी दोषी ठहराए जा चुके, ले जाने से पहले कोर्ट से आदेश लेना चाहिए था। यह सब मिलीभगत से हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। ये नियम के विपरीत कार्य हुआ है। दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही हो।
विदित हो कि कान सिंह भाटी (82) को मथुरा जेल से आगरा एसएन अस्पताल ले जाया गया, जहां से 11 सितंबर को उसे सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर ले जाया गया। यह सब उसके परिजनों के दबाव में हुआ। शनिवार को उसका जयपुर में निधन हो गया। विगत 22 जुलाई को पूर्व डीएसपी कान सिंह समेत 11 पुलिसकर्मियों को राजा मानसिंह हत्याकांड में मथुरा की जिला कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी । पोस्टमार्टम के बाद उसका शव उसके जिला बीकानेर ले जाया गया। गौरतलब है कि 21 फरवरी 1985 को भरतपुर के राजा मानसिंह का राजस्थान के डीग में एनकाउंटर के मामले में भाटी को दोषी माना गया है।
इस संबंध में मथुरा जिला जेल के अधीक्षक श्री मैत्रेय ने बताया कि आगरा से जयपुर ले जाने के लिए कोर्ट का कोई ऑर्डर नहीं था और इसकी कोई आवश्यकता भी नहीं थी।

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