श्रद्धांजलि सभा में योगदान को स्मरण कर सर्वधर्म प्रार्थना के बाद दो मिनट का मौन भी
वाराणसी। आर्य समाज के जाने-माने नेता और समाजसेवी स्वामी अग्निवेश के निधन से काशी में सामाजिक कार्यकर्ता मर्माहत है। शनिवार को राजघाट स्थित सर्वसेवा संघ परिसर में गांधी प्रतिमा के समीप आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वामी अग्निवेश के व्यक्तित्व को याद किया गया।
सभा में प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा.आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि स्वामी जी विश्व आर्य समाज, बंधुआ मुक्ति मोर्चा, वसुधैव कुटुम्बकम तथा ऐसे ही अनेक सार्वभौमिक संस्थाओं के प्रवर्तक, प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता के साथ हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे। उनके निधन से हम आहत है।
रिदम मंच के संयोजक डॉ अनूप श्रमिक ने कहा कि वे एक ऐसी विभूति थे। जिन्होंने अपने जीवन, दर्शन तथा ज्ञान से हजारों हजार पीड़ित लोगों को रोशनी दिखाने का काम किया। साझा संस्कृति मंच की जागृति राही ने स्वामी अग्निवेश के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने जीवन की ज्योति को जला कर दलित, उपेक्षित एवम कमजोर के जीवन को प्रकाशित किया। हजारों बच्चों की जीवन रक्षा की।
जागृति ने कहा कि स्वामी जी बेज़ुबान की आवाज बन कर उन्हें दुख-दर्द में सहभागी बने। उन्होंने देश में चलने वाले तमाम आंदोलनों के साथी नेतृत्वकर्ता के रूप में समाज में अपना योगदान दिया। नर्मदा आंदोलन, बन्धुआ मुक्ति, सामाजिक सद्भाव और शांति के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
जिला सर्वोदय मंडल के गोपाल पांडेय ने कहा कि स्वामी जी सनातन धर्म के रिफॉर्म के वास्तविक प्रतीक हैं। वो पूरे विश्व में महर्षि दयानंद सरस्वती के मिशन तथा आर्य समाज के आंदोलन को पूरी दुनियां के शिखर तक ले गए।
जितेंद्र यादव ने कहा कि स्वामी जी के साथ बिहार और दिल्ली में देश की कट्टरपंथी ताकतों मारपीट कर उनका अपमान किया था। लेकिन उन्होंने जिस प्रकार विनम्रता पूर्वक अहिंसात्मक ढंग से प्रतिक्रिया दी। वह उन्हें गांधी जी की विरासत का सच्चा सिपाही बनाता है। सभा में तारकेश्वर सिंह, अनूप, अतुल, श्यामू सुशोल सिंह, नंद किशोर आदि उपस्थित रहे। सभा का समापन सर्व धर्म प्रार्थना और 2 मिनट के मौन से हुआ।