व्यापार : थोक महंगाई दर में तेज उछाल की आशंका
योगिता पाठक
नई दिल्ली (हि.स.)। कोरोना का संक्रमण अर्थव्यवस्था पर बुरी तरह से असर डाल रहा है। ये बात महंगाई दर में भी लगातार हो रही बढ़ोतरी के रूप में देखी जा सकती है। वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि अप्रैल महीने की थोक महंगाई दर में तेज उछाल हो सकता है और ये 9.1 फिसदी के स्तर तक पहुंच सकती है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल की थोक महंगाई दर में जहां जोरदार उछाल हो सकती है, वहीं खुदरा महंगाई दर में कुछ कमी आने की संभावना है। इस रिपोर्ट के मुताबिक खुदरा महंगाई घटकर 3.9 फीसदी पर रह सकती है। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच महंगाई में आने वाला उछाल देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा सकता है। मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि अप्रैल में पिछले साल की तुलना में थोक महंगाई 9.1 फीसदी को स्तर पर रह सकती है। इसके पहले मार्च के महीने में लो बेस के चलते थोक महंगाई दर 7.4 फीसदी के स्तर पर रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाने पीने के दाम में महंगाई की रफ्तार घटने का अनुमान है। लेकिन लो बेस इफेक्ट के चलते दूसरे सामानों की महंगाई में तेज उछाल आने का अनुमान है।
रिपोर्ट में खुदरा महंगाई दर की चर्चा करते हुए कहा गया है कि अप्रैल के महीने में खुदरा महंगाई घटकर 3.9 फीसदी के लेवल पर आ सकती है। इसके पहले मार्च के महीने में खुदरा महंगाई की दर 5.5 फीसदी थी। इसकी वजह बेस इफेक्ट के अलावा खाने-पीने के सामान के दाम में आई कमी थी। इसके अलावा रिपोर्ट में पिछले साल के हाई बेस इफेक्ट के चलते कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में भी कमी आने की संभावना जताई गई है।
मॉर्गन स्टैनली ने रिपोर्ट में मार्च महीने के औद्योगिक उत्पादन दर में भी तेज उछाल आने की संभावना जताई गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में औद्योगिक उत्पादन की दर 20.1 फीसदी पर आ सकती है। इससे पहले के फरवरी महीने में लो बेस इफेक्ट के चलते इस महीने सालाना आधार पर 3.6 फीसदी की नेगेटिव ग्रोथ हुई थी।