वृद्ध आश्रम में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

प्रदीप पांडेय

गोंडा।
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ व जनपद न्यायाधीश मयंक कुमार जैन के निर्देश के अनुपालन में वृद्ध आश्रम गोंडा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कृष्ण प्रताप सिंह द्वारा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा वृद्ध आश्रम में निवास कर रहे वरिष्ठ नागरिकों के विधिक अधिकार के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तराधिकारी एवं भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण-पोषण की धनराशि निर्धारित करने के संबंध में उपबंध दिए गए हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी भरण पोषण का दायित्व दिया गया है। इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के विधि व्यवस्था, सरकारी नीतियों एवं निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। वृद्ध आश्रम में कुल 51 संवासी 12 महिला, 39 पुरुष उपस्थित रहे। वृद्ध आश्रम में प्रवास कर रहे वरिष्ठ नागरिकों के आश्रय एवं भंडार व पाक गृह का निरीक्षण कर साफ- सफाई हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए। कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन करने हेतु बताया गया। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के प्रबंधक राजेश श्रीवास्तव, भंडार प्रभारी जेबी सिंह, सेवाकर्ता ओंकार, विभा व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा व अन्य कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

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