विभाग में पंजीकरण कराकर शासकीय योजनाओं का लाभ उठाएं श्रमिक

जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने जिले के निर्माण श्रमिकों से की अपील

संवाददाता

गोण्डा। शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए जनपद के श्रमिक मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत आधार कार्ड, 01 फोटो व स्व प्रमाण पत्र लगाकर श्रम विभाग में अपना पंजीयन करा सकते हैं या फिर नजदीकी जनसेवा केन्द्र पर जाकर भी अपना पंजीयन करा सकते है। इसके लिए लाभार्थी को 01 वर्ष हेतु 40 रुपये, 02 वर्ष के लिए 60 रुपये, 03 वर्ष के लिए 80 रुपये अंशदान जमा करना होगा। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने बताया कि शासन द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्याणार्थ कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत पंजीकृत महिला श्रमिक के संस्थागत प्रसव की दशा में निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 03 माह के वेतन समतुल्य धनराशि एवं 1000 रुपए का चिकित्सा बोनस देय होगा। पंजीकृत पुरुष कामगारों को 6,000 रुपए दो किस्तों में देय होगा। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम दो नवजात शिशुओं के पौष्टिक आहार हेतु वर्ष में एक बार एकमुश्त लड़का पैदा होने पर 20000 वार्षिक तथा लड़की पैदा होने की स्थिति में 25,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा। जन्म से दिव्यांग बालिकाओं को 50,000 बतौर सावधि जमा जो 18 वर्ष के लिए होगा, भुगतान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सन्त रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 25 वर्ष तक के अधिकतम 02 बच्चों (पुत्र, पुत्रियों) को कक्षा-1 से उच्चतर शिक्षा हेतु न्यूनतम 150 रुपए मासिक से 2,000 रुपए मासिक तक विभिन्न दरों से छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा। पाठ्यक्रम आईटीआई वोकेशनल कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स, सरकारी संस्थाओं, कॉलेज के वार्षिक शुल्क के समान धनराशि देय है। मेधावी छात्र, छात्राओं को कक्षा 05 से लेकर उच्च शिक्षा हेतु 4,000 से 22,000 तक की वार्षिक छात्रवृत्ति, आवासीय विद्यालय योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 06 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्ता परक शिक्षा की निःशुल्क सुविधा, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना के तहत श्रमिक या उसके पुत्र, पुत्री के व्यावसायिक प्रशिक्षण पर व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति तथा प्रशिक्षण काल में श्रमिकों के मजदूरी का भुगतान, कन्या विवाह सहायता योजना के तहत श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह हेतु 55,000 अन्तर्जातीय विवाह में 61,000 प्रति विवाह अनुदान दो पुत्रियों के विवाह हेतु एवं सामूहिक विवाह की स्थिति में 65,000 की सुविधा प्रदान किया जायेगा। निर्माण कामगार आवास सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक के आश्रयहीन होने अथवा अधिकतम दो कच्चे कमरे वाले घर होने पर अपनी जमीन पर मकान बनाने अथवा मकान क्रय हेतु 1,00,000 की आर्थिक सहायता दो समान किश्तों में दी जायेगी। यदि पंजीकृत निर्माण श्रमिक के पास स्वयं का रिहायशी मकान है तो उसे मकान मरम्मत हेतु एक मुश्त 15,000 की धनराशि प्रदान की जाती है। स्वयं का आवास होने पर शौचालय की सुविधा न होने पर शौचालय निर्माण हेतु 12,000 की धनराशि दो सामान किश्तों में दी जायेगी। चिकित्सा सुविधा योजना के तहत पंजीकृत विवाहित निर्माण श्रमिक को प्रतिवर्ष 3,000 एवं अविवाहित निर्माण श्रमिक को 2,000 रुपए प्रतिवर्ष बैंक खाते में स्थानान्तरित की जाती है।
उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी सहायता योजना के तहत ह्दय की शल्य क्रिया, मुर्दा का प्रत्यारोपण, लीवर का प्रत्यारोपण, मस्तिष्क की शल्य क्रिया, रीढ़ की हड्डी की शल्य क्रिया, पथरी की शल्य क्रिया, अपेन्डिक्स की शल्य क्रिया, हाइड्रोसील की शल्य क्रिया, महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर की शल्य क्रिया, सर्विकल (बच्चेदानी, योनि) कैंसर की शल्य क्रिया बीमारी आदि गंभीर बीमारियों के इलाज में सरकारी संस्थाध्सरकारी मेडिकल कॉलेज में किये गये व्यय की शतप्रतिशत प्रतिपूर्ति। महात्मा गांधी पेंशन योजना के तहत निर्माण श्रमिक के 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने एवं तत्समय पूर्ववर्ती 10 वर्ष तक लगातार अंशदान जमा करने पर रु0 1,000 की आजीवन मासिक पेंशन। निर्माण कामगार मृत्यु विकलांगता एवं अक्षमता पेंशन योजना के तहत दुर्घटना से मृत्यु होने पर 5,00,000 सामान्य मृत्यु पर 2,00,000 स्थायी अपंगता पर 3,00,000 एवं आंशिक अपंगता पर 2,00,000 कार्य स्थल में इतर स्थायी अपंगता पर 2,00,000 तथा कार्यस्थल से इतर अस्थायी आंशिक विकलांगता पर 1,00,000 की आर्थिक सहायता एवं श्रमिक के पंजीकृत न होने की दशा में कार्यास्थल पर मृत्यु हो जाने पर एवं रु0 50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। कार्यस्थल पर दुर्घटनाग्रस्त होने पर पूर्ण स्थायी अपंगता पर 1,000 प्रतिमाह आजीवन अक्षमता पेंशन दिया जायेगा। निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना के तहत पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर अंत्येष्टि हेतु 25,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इन सभी योजनाओं का लाभ केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये ही है। श्रमिकां को अंशदान नियमित रूप से जमा करने होंगें। अंशदान जमा न होने पर कोई हितलाभ देय नहीं होगा। किसी पंजीकृत श्रमिक के 18 वर्ष से कम आयु के पुत्र, पुत्री श्रमिक के रूप में कार्य करते पाए जाने पर सहायता नहीं दी जायेगी तथा पूर्व में दी गई सहायता वापसी ली जायेगी। बोर्ड द्वारा पंजीयन, अंशदान तथा सौर ऊर्जा सहायता योजना में 250 मात्र के अतिरिक्त कोई धनराशि नहीं ली जाती है। दी गयी राशि की रसीद अवश्य लें। इस संबन्ध में अधिक जानकारी के लिए श्रम विभाग कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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