विकास दुबे के मददगार तीन बड़े व्यापारियों के खिलाफ जांच शुरू
उज्जैन पुलिस को पूछताछ में बताए थे प्रमुख सहयोगियों के नाम
प्रादेशिक डेस्क
कानपुर। विकास दुबे ने एनकाउंटर से पहले अपने जिन-जिन मददगारों के नाम पुलिस को बताए थे उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई है। पुलिस विकास दुबे के बताए गए हर तत्थ की बारिकियों से जांच पड़ताल में जुटी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास ने कानपुर के दो और उज्जैन के एक बडे कारोबारी का नाम पुलिस को बताया था जो एक दूसरे की मदद करते थे। उज्जैन में पूछताछ के दौरान विकास ने कानपुर के दो उद्यमियों के नाम बताए थे। विकास इनकी व्यापार चलाने में मदद करता था। बदले में यह लोग इसे रुपए पैसे से मदद करते थे। इतना ही नहीं कई बार उद्यमियों के ट्रांसपोर्टेशन में इसने अपने हथियार भी मंगवाए थे। इन दोनों के बारे में भी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
विकास दुबे और कानपुर में ब्रह्मनगर के कारोबारी जय के बीच लेन-देन का मामला भी गम्भीर हो गया है। पुलिस की अब तक की जांच में अपराधिक गतिविधियों को लेकर दोनों में क्या समानता थी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हो सकी है मगर पैसे के लेनदेन पर स्थितियां स्पष्ट हो गई हैं जिसके बाद कारोबारी की जांच ईडी को सौंपी गई है। एसएसपी ने इसकी पुष्टि की है। ईडी की एक टीम जल्द ही शहर आकर जांच शुरू करेगी। इसके अलावा ईडी अब मारे गए अपराधी विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और साथियों पर धनशोधन का मामला दर्ज करने की तैयारी में है। इन लोगों पर कथित रूप से धोखाधड़ी कर संपत्ति अर्जित और अवैध लेन-देन मामले की जांच की जाएगी। कारोबारी जय को पुलिस ने तब पूछताछ के लिए उठाया था जब तीन लग्जरी कारें विजय नगर से बरामद हुई थीं और तीनों कारोबारी की थीं। पुलिस को सूचना मिली थी कि विकास को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए इन कारों का इस्तेमाल हुआ था। उसके बाद जब उससे पूछताछ हुई और खाते खंगाले गए तो विकास के साथ जय के लेन-देन की बात सामने आ गई। इसपर पुलिस ने काफी खंगाला जिसमें करोड़ों रुपयों के लेन-देन साथ विकास के खातों की जानकारी मिली। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि इस मामले में ईडी भी अब जांच करेगी।
इसमें दोनों के खातों और सम्पत्तियों को लेकर एजेंसी द्वारा जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अफसरों ने शनिवार को बताया कि लखनऊ स्थित एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने छह जुलाई को इस संबंध में कानपुर पुलिस को पत्र लिखकर दुबे और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ दायर सभी मामलों की ताजा जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि ईडी जल्द ही उसके सहयोगियों और परिवार के सदस्यों द्वारा कथित रूप से किए गए अपराध की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शिकायत दर्ज करके यह पता लगाएगा कि क्या बाद में इस धन का उपयोग अवैध रूप से चल और अचल संपत्ति अर्जित करने लिए तो नहीं किया गया। अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि दुबे ने अपने और अपने परिवार के नाम पर खूब संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और बेनामी’ संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है। ईडी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से दुबे और अन्य लोगों की संभावित विदेशी संपत्ति के बारे में विवरण भी मांग रहा है, इसके अलावा विभिन्न बैंकों से खातों का विवरण भी मांगा जा रहा है।