विंध्यवासिनी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप का श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

मीरजापुर (हि.स.)। शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को मां विंध्यवासिनी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप का श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद भक्त माता के दरबार में पहुंचे और माथा टेका। मंदिर के गर्भगृह का कपाट खुलते ही भक्त मां का जयकारा लगाते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। गर्भगृह में तिल रखने की भी जगह नहीं रही।

ब्रह्मचारिणी के स्वरूप में मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में विराजमान अन्य देवी-देवताओं की परिक्रमा कर दर्शन पूजन किया। विंध्यधाम में माथा टेकने के बाद श्रद्धालुओं ने अष्टभुजा और काली खोह मंदिरों पर भी दर्शन पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा किया। विंध्य धाम की गलियां माता के जयकारे से गुंजायमान रहीं। किसी ने मंदिर के अंदर तो किसी ने झांकी से ही माता का दर्शन-पूजन किया। तरह-तरह के पुष्पों, चुनरी व रंग-बिरंगी झालरों से की गई मंदिर की सजावट अलौकिक छटा बिखेर रही थी। सोमवार का दिन होने के कारण दोपहर बाद मां विंध्यवासिनी के साथ ही अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ पहले दिन की अपेक्षा कम रही। इससे श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने में काफी राहत मिली। मेला ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी भी आराम से ड्यूटी किये।

गिरजा शंकर/दीपक/दिलीप

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