वाहनों पर नंबर प्लेट के अक्षरों व रंगों में बदलाव
नेशनल डेस्क
नई दिल्ली । अगर आप अपनी गाड़ी पर अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर लिखकर फर्राटा भरते हैं तो संभल जाइए। नंबर प्लेट पर अस्थायी रजिस्ट्रेशन लिखे कागज चिपकाकर वाहन चलाने को अपराध बना दिया गया है। देशभर में वाहनों के नंबर प्लेट में एकरूपता लाने के लिए सरकार ने 11 श्रेणियों के वाहनों के नंबर प्लेट पर लिखे जाने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर और उनके रंग को लेकर व्यापक मानकों को शामिल करते हुए अधिसूचना जारी की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में और दो तरह के नंबर प्लेट को शामिल किया गया है। पहला अस्थायी नंबर प्लेट और दूसरा डीलर के यहां खड़े वाहनों के नंबर प्लेट। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) में बदलाव किए गए हैं। यह स्पष्ट किया गया है कि वाहनों पर सिर्फ अंग्रेजी के बड़े अक्षरों और अंकों में ही नंबर लिखे जाएंगे। अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर पीले रंग की प्लेट पर लाल रंग से लिखे जाएंगे। जबकि, डीलर के यहां खड़े वाहनों पर लाल रंग के प्लेट पर सफेद रंग से रजिस्ट्रेशन नंबर लिखे जाएंगे।
मंत्रालय का कहना है कि विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट को लेकर जून, 1989 में अधिसूचित संशोधन के संबंध में स्पष्टता लाने के लिए यह अधिसूचना जारी की गई है। मंत्रालय का यह भी कहना है कि रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट को लेकर स्पष्टता लाने के लिए यह अधिसूचना जारी की गई है, नियमों में कुछ भी नया नहीं जोड़ा गया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा कुछ भी नहीं लिखा होना चाहिए। इसका सीधा सा मतलब यह है कि अब वाहनों पर क्षेत्रीय भाषाओं और छोटे अक्षरों में रजिस्ट्रेशन नंबर लिखवाना गैरकानूनी होगा। यहां तक की राज्यों द्वारा नीलाम किए जाने वाले वीआइपी रजिस्ट्रेशन नंबरों पर के लिए भी ये नियम लागू होंगे। सादे कागज पर एक साथ सटाकर लिखे नंबर अब नहीं चलेंगे। सीएमवीआर में नंबरों के आकार और रंगों को भी स्पष्ट किया गया है। उदाहरण के लिए दो पहिया और तिपहिया वाहनों को छोड़कर सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के अक्षर की ऊंचाई 65 मिलीमीटर, मोटाई 10 मिलीमीटर और उनके बीच अंतर 10 मिलीमीटर का होगा।
दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नियमों को लागू करने के लिए सभी नंबर प्लेट में एकरूपता आवश्यक है। जो नंबर मानकों के मुताबिक नहीं लिखे होते हैं उन्हें सड़क पर लगे नंबर प्लेट को स्वतः ही पढ़ लेने वाला कैमरा नहीं पकड़ा पाता है। ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें अपराधी अस्थायी वाहनों पर अस्थायी नंबर प्लेट लगा लेते हैं और जरूरत के हिसाब से उसे आसानी से हटा भी देते हैं। एक साथ मिलाकर लिखे नंबर को पढ़ना भी मुश्किल होता है। अधिकारी ने बताया कि अगर पूरे देश में उच्च सुरक्षा वाले रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) का कार्यान्वयन हो जाए तो अलग-अलग नंबर प्लेट की समस्या ही खत्म हो जाएगी। लेकिन अभी कई राज्यों ने एचएसआरपी को लागू ही नहीं किया है।