वाराणसी: माघी पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी, दान पुण्य

जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ के जवान गंगा घाटों पर रहे मुस्तैद, सुरक्षा का व्यापक इंतजाम

वाराणसी (हि.स.)। माघ मास के पांचवें प्रमुख स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर बुधवार को काशीपुराधिपति की नगरी में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान ध्यान के बाद लोगों ने दान-पुण्य कर बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी भी लगाई। इस दौरान गंगा तट पर सुरक्षा का व्यापक प्रबन्ध किया गया था।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर शहर में जगह-जगह बैरिकेडिंग और यातायात प्रतिबंधित था। गंगा में स्टीमर पर जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ के जवान मुस्तैद बराबर चक्रमण करते रहे। स्नान पर्व पर भोर से ही श्रद्धालु गंगा घाटों की ओर नंगे पाव चल पड़े। गंगा स्नान के लिए प्राचीन दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, पंचगंगा, अहिल्याबाई, अस्सी, तुलसीघाट, खिड़किया घाट, भैेसासुर, सामने घाट पर सर्वाधिक भीड़ रही। स्नान-ध्यान के बाद श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ, कालभैरव, बड़ागणेश के दरबार में हाजिरी लगाई।

संत रविदास के जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में आयोजित जयन्ती समारोह में भाग लेने आये हजारों रैदासी श्रद्धालुओं ने सामने घाट, अस्सी घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। उनके स्नान ध्यान का सिलसिला अपरान्ह तक चलता रहा ।

माघी पूर्णिमा पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करने से श्रद्धालुओं को माघ मास के स्नान के बराबर पुण्यफल मिलता है। मान्यता है माघ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। इसलिए गंगाजल में स्नान और आचमन करना फलदायी होता है। इस दिन देवता भी वेश बदलकर गंगा स्नान करते हैं।

श्रीधर

error: Content is protected !!