वायु सेना को अगले साल से मिलने लगेंगे एलसीए ‘तेजस’ एमके-1ए फाइटर जेट
– लड़ाकू विमानों की मौजूदा 32 स्क्वाड्रन बढ़ाकर 2035 में 42 तक करने की तैयारी
– अतिरिक्त 97 विमानों के सौदे पर रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में होगा फैसला
नई दिल्ली (हि.स.)। भारतीय वायु सेना को 4.5 पीढ़ी का पहला लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) एमके-1ए फाइटर जेट अगले साल फरवरी-मार्च तक मिल जाएगा। इसी सौदे का पहला ट्रेनर विमान वायु सेना को दस दिन पहले (4 अक्टूबर को) सौंपा जा चुका है। फरवरी, 2021 में किये गए सौदे के एलसीए तेजस की आपूर्ति शुरू होने के बाद जल्द ही अतिरिक्त 97 विमानों के सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इसके लिए रक्षा खरीद बोर्ड ने पहले ही मंजूरी दे दी है। इस महीने के अंत में होने वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में इस बारे में फैसला लिया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने 83 एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के लिए 03 फरवरी, 2021 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ डील फाइनल की थी। इसी सौदे का पहला विमान वायु सेना को अगले साल फरवरी-मार्च में एचएएल से मिलेगा। श्रीनगर स्थित स्वॉर्ड आर्म्स स्क्वाड्रन को तेजस एमके-1ए के लिए निर्धारित किया गया है। अभी तक यह स्क्वाड्रन मिग विमानों का ठिकाना है, जिन्हें तेजस की आपूर्ति शुरू होने के बाद सेवा से विदाई दी जानी है। इसका ऐलान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कर चुके हैं।
भारतीय वायु सेना अपने लड़ाकू विमानों की मौजूदा 32 स्क्वाड्रन को बढ़ाकर 2035 तक 42 स्क्वाड्रन करने की तैयारी में है। इसी के साथ भारत 15 स्क्वाड्रन को रिटायर करने की भी योजना बना रहा है। अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए तेजस, 180 एलसीए मार्क-1ए और कम से कम 120 एलसीए मार्क-2 विमान होंगे। वायु सेना को पहले आपूर्ति किये जा चुके 40 एलसीए की तुलना में एलसीए मार्क-1ए विमान में अधिक उन्नत एवियोनिक्स और रडार हैं। नए एलसीए मार्क-1ए में स्वदेशी सामग्री 65 प्रतिशत से अधिक होने वाली है। आने वाले समय में एलसीए तेजस के वेरिएंट एयरोस्पेस की दुनिया में भारत को नई पहचान दिलाएंगे।
सुनीत/दधिबल