लोस चुनाव : इलाहाबाद में जीत की हैट्रिक लगाएगी भाजपा या तेज घूमेगा साइकिल का पहिया!
प्रयागराज (हि.स.)। संगम नगरी इलाहाबाद में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के आंकड़ें आकर्षक और प्रभावशाली हैं। संसदीय सीट पर भी भाजपा का प्रदर्शन उम्दा श्रेणी में रखने के योग्य है। पिछले दो चुनाव लगातार भाजपा ने जीते हैं। इस चुनाव में भाजपा जीत की हैट्रिक लगाना चाहेगी।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने खोला जीत का खाता
किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इलाहाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की जीत का खाता पहली बार पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यख डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने खोला। 1996 के आम चुनाव में डॉ. जोशी ने जनता दल प्रत्याशी मौजूदा सांसद सरोज दुबे को एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। 1998 और 1999 के चुनाव में डॉ. जोशी की जीत का सिलसिला जारी रहा। डॉ. जोशी इस सीट अब तक जीत की हैट्रिक लगाने वाले अकेले सांसद हैं। 2004 के आम चुनाव में डॉ. जोशी को समाजवादी पार्टी के कुंवर रेवती रमण सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2009 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर योगेश शुक्ला मैदान में उतरे। ये चुनाव सपा के कुंवर रेवती रमण ने जीता। भाजपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा।
2014 में श्याम चरण गुप्ता ने कमल खिलाया
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में भाजपा की टिकट पर श्याम चरण गुप्ता मैदान में उतरे। देशभर में चली मोदी लहर में ये सीट भाजपा के खाते में आई। भाजपा प्रत्याशी को 313,772 (35.19 प्रतिशत) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे सपा के कुंवर रेवती रमण को 251,763 (28.24 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। भाजपा ने 62009 वोटों के अंतर ये चुनाव जीता।
2019 में जीती डॉ. रीता बहुगुणा जोशी
2019 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर डॉ. रीता बहुगुणा जोशी मैदान में थी। डॉ. रीता ने कांग्रेस छोडकर भाजपा का दामन थामा था। डॉ. रीता उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांगेस के वरिष्ठ नेता सुंदर लाल बहुगुणा की बेटी हैं। 17वीं लोकसभा के चुनाव में डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने सपा के राजेन्द्र सिंह पटेल को 1 लाख 84 हजार 275 वोटों के अंतर से हराया। डॉ. जोशी को 494,454 (55.58 प्रतिशत) वोट हासिल हुए। सपा प्रत्याशी के खाते में 210,179 (34.87 प्रतिशत) वोट आए। कुल 8 लाख 89 हजार 56 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में 14 प्रत्याशी मैदान में थे, और 51.8 फीसदी वोटिंग हुई थी।
2024 में हैट्रिक की तैयारी में भाजपा
18वीं लोकसभा के आम चुनाव में भाजपा ने उप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं बंगाल के गवर्नर केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को मैदान में उतारा है। वहीं उनके मुकाबले में सपा के उज्जवल रमण सिंह हैं। उज्जवल सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के पुत्र हैं। ऐसे में इलाहाबाद में मुकाबला दो सियासी परिवारों के वारिसों के बीच है। सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। जिसके चलते इंडिया गठबंधन यहां खुद को मजबूत मान रहा है। बसपा अकेले मैदान में हैं। इसलिए यहां त्रिकोणीय हो गया है। बसपा ने सपा के वोट में सेंधमारी की रणनीति बनाई है, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। वहीं डबल इंजन की सरकार के विकास कार्यों और राम मंदिर की गूंज भी यहां साफ सुनाई देती है। अब यह देखना अहम होगा कि भाजपा जीत की हैट्रिक लगा पाती है या सपा की साइकिल यहां दौड़ेगी।
डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश