लाॅकडाउन और अनलाॅक में किसानों का पूरा ध्यान रखा : योगी आदित्यनाथ
-मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने लाॅकडाउन और अनलाॅक के दौरान किसानों का पूरा ध्यान रखा, जिसके चलते प्रदेश में कृषि कार्यों में कोई दिक्कत नहीं आयी। मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के सम्बन्ध में आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान बोल रहे थे।
गेहूं की कटाई, मड़ाई के लिए किए गए हार्वेस्टर व रीपर संचालित
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गेहूं की कटाई, मड़ाई के लिए 4,774 हार्वेस्टर 5,153 रीपर संचालित किए गए। साथ ही, अन्य राज्यों से हार्वेस्टर एवं रीपरों को प्रदेश में प्रवेश की अनुमति दी गई, जिससे गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की कटाई, मड़ाई समय एवं सुगमता से सम्पन्न हुई। किसानों द्वारा रबी से उत्पादित फसलों की खरीद के लिए 5,953 सरकारी क्रय केन्द्र खोले गये एवं क्रय केन्द्रों तक खाद्यान्नों के परिवहन की अनुमति दी गयी। इन सरकारी क्रय केन्द्रों से 35.77 लाख टन गेहूं, 38,717 मीट्रिक टन चना तथा 319 मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई। दलहन की खरीद गत वर्ष में कुल खरीद 2,362 मीट्रिक टन खरीद से 16 गुना अधिक रही। जिसकी धनराशि किसानों के खाते में सीधे प्रेषित की गयी।
पूरी क्षमता से चलाई गईं सभी 119 चीनी मिलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक महत्वपूर्ण कैश क्राॅप है, राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें पूरी क्षमता से चलाई गयीं। इस वर्ष 1,118.02 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई से 126.36 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ। कोरोना के दौरान गन्ना मिलों द्वारा 150 लाख लीटर सेनिटाइजर का निर्माण कर जन सामान्य को विक्रय के लिए उपलब्ध कराया गया। गन्ना मिलों द्वारा इस वर्ष 1500 करोड़ रुपये मूल्य की विद्युत का भी उत्पादन किया गया।
बुवाई के लक्ष्य के सापेक्ष 9.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का आच्छादन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि निवेशों की पर्याप्त व्यवस्था के चलते जायद-2020 के बुवाई के लक्ष्य के सापेक्ष 8.12 लाख हेक्टेयर के स्थान पर 9.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का आच्छादन किया गया। वर्तमान खरीफ में धान एवं अन्य फसलों की बुवाई में खरीफ आच्छादन लक्ष्य 95.92 लाख हेक्टेयर के सापेक्ष 95.98 लाख हेक्टेयर की पूर्ति की जा चुकी है। वर्तमान खरीफ में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कुल 37.23 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 43.40 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों की व्यवस्था करायी गयी है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उत्पादन के सुरक्षित भण्डारण की कवायद
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत किसानों को उनके उत्पादन के सुरक्षित भण्डारण के उद्देश्य से डब्ल्यूडीआरए (वेयरहाउसिंग विकास और नियामक प्राधिकरण) आधारित 5-5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के 37 भण्डार गृहों (गोदामों) का निर्माण राज्य भण्डारण निगम द्वारा मण्डी परिषद से प्राप्त निःशुल्क भूमि पर कराया जा रहा है। इन गोदामों में 10 प्रतिशत स्थान किसानों को उनके उत्पादों के भण्डारण के लिए आरक्षित कराया जायेगा। किसानों के लिए 30 दिन तक भण्डारण निःशुल्क होगा और 30 दिन से अधिक भण्डारण करने पर शुल्क में 30 प्रतिशत छूट दी जायेगी।
डब्ल्यूडीआरए के पंजीकृत गोदामों में रखे गये कृषि उपज के सापेक्ष ईएनडब्ल्यूआर जारी की जायेगी जिसे प्रतिभूति की तरह मान्यता प्राप्त होगी। इसके आधार पर किसानों को बैंक से ऋण सुविधा प्राप्त हो सकेगी, जिससे यह अपने कृषि एवं अन्य कार्यों की प्रतिपूर्ति कर सकेंगे।
बेस-लाइन सर्वे ओडीओपी का चिह्नांकन पूर्ण
प्रधानमंत्री सूक्ष्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) में पांच वर्षों की अवधि के लिए 37,805 सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन का भौतिक लक्ष्य निर्धारित है। योजनान्तर्गत चालू वर्ष में संगठनात्मक संरचनाओं के गठन, सर्वेक्षण एवं अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने तथा अन्य काॅमन सुविधाओं के सृजन के लिए 18.59 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है। प्रदेश सरकार द्वारा योजना का बेस-लाइन सर्वे ओडीओपी का चिह्नांकन पूर्ण कर लिया गया है तथा मंत्री परिषद द्वारा योजना को अंगीकृत भी कर लिया गया है।
मधुमक्खी पालन की कार्ययोजना के लिए प्रस्ताव प्रेषित
प्रदेश में वर्ष 2020-21 हेतु मौन पालन के उद्देश्य से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के तहत ‘स्टेट बी-कीपिंग एण्ड हनी मिशन उप्र’ के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 हेतु नेशनल बी-बोर्ड, भारत सरकार को मधुमक्खी पालन की कार्ययोजना हेतु 8153.48 लाख रुपये का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। राष्ट्रीय बी-कीपिंग एवं हनी मिशन के अन्तर्गत वाराणसी के सेवापुरी विकास खण्ड में प्रशिक्षण हेतु 6.78 लाख रुपये के प्रस्ताव को राष्ट्रीय बी बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा अपनाए गए माॅडल की प्रशंसा करते हुए अन्य राज्यों को इसे अपनाने का सुझाव दिया।