लालजी टंडन की अस्थियां पहुंची हरिद्वार, विसर्जन सोमवार को
हरिद्वार। मध्य प्रदेश के राज्यपाल और प्रखर विद्वान स्वर्गीय लालजी टंडन की अस्थियां शनिवार को सप्तसरोवर मार्ग स्थित सिद्धपीठ भूमा निकेतन पहुंच गईं। टंडन के पुत्र सुबोध टंडन परिजनों के साथ पिता की अस्थियां लेकर भूमा निकेतन पहुंचे। सोमवार को प्रमुख संतों की उपस्थिति में अस्थियां विधि-विधान के साथ हरकी पैड़ी पर गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। इस दौरान कई राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद रहेंगी। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ महाराज ने बताया कि लालजी टंडन उच्च कोटि के विद्वान और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने राज्यपाल सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए देशसेवा की। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने हमेशा देश को नई दिशा दी। उनके विचार कालजयी हैं। टंडन युवाओं के लिए प्रेरणा त थे। उनका भूमा निकेतन से खास लगाव रहा है।वह धर्मनगरी हरिद्वार और गंगा से विशेष लगाव रखते थे। स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ महाराज ने कहा कि उन्होंने पक्ष- विपक्ष में अपनी अलग पहचान बनाई। वह सबको प्रिय रहे। आज देश को टंडन जैसे नेताओं की आवश्यकता है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल ऐतिहासिक है। उनके विचारों से हमें सीख लेनी चाहिए। सोमवार को संतों की उपस्थिति में हरकी पैड़ी में उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाएंगी। इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा संत- महापुरुष भी मौजूद रहेंगे।