लखनऊ में खरीदे गए 17 हजार वाहनों को अभी तक नहीं मिला पंजीयन नम्बर
लखनऊ (हि.स.)। राजधानी में नवरात्रि के पर्व में खरीदे गए करीब 17 हजार वाहनों को अभी तक संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से पंजीयन नम्बर नहीं मिल सका है। ये सभी वाहन बिना नम्बर के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
राजधानी में दो नए सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) की तैनाती की गई है। फिर भी ऑनलाइन व्यवस्था ध्वस्त नजर आ रही है। राजधानी के शोरूमों से वाहनों के रजिस्ट्रेशन नम्बर के लिए फाइलें आरटीओ कार्यालय में जमा हैं। करीब 17,हजार वाहनों को अभी तक पंजीयन नम्बर नहीं मिल पाया है। एक संभागीय निरीक्षक के पास कई काम होने की वजह से फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय और संबंधित काउंटर पर लोग चक्कर लगा रहे हैं। जबकि वाहन मालिक पंजीयन प्रमाण पत्र के लिए शोरूम के चक्कर लगा रहे हैं।
वाहन मालिकों का कहना है कि गाड़ी खरीदने के बाद अब पंजीयन नम्बर पाने के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। नवरात्रि बीत चुका है अब तक पंजीयन नम्बर नहीं मिल सका है। इसलिए मजबूरन बिना नम्बर के वाहनों को चलाया जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग जिम्मेदार है।
लखनऊ आरटीओ कार्यालय में कर्मचारियों की कमी से न केवल पंजीयन कार्य में दिक्कत आ रही है, बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहन संबंधित काम भी अटक रहे हैं। नए एआरटीओ अभी त्योहारी सीजन में काम समझ रहे हैं।
लखनऊ के संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) रामफेर द्विवेदी ने शुक्रवार को बताया कि जल्द ही व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। नए एआरटीओ अभी आए हैं। कार्य आवंटित कर दिया गया है। वह काम समझ रहे हैं। गड़बड़ी न होने पाए इसे लेकर सर्तकता बरती जा रही है।