लखनऊ: प्रोन्नति व स्थानांतरण में कछुआ चाल से सिंचाई विभाग में अधिकारियों की मनमानी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में 5 वर्ष से अधिक समय से जमे हुए अभियंताओं एवं अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं हो रहा है। वही एक समय के बाद प्रोन्नति पाने के योग्य अभियंताओं और अधिकारियों को प्रोन्नत भी नहीं किया जा रहा।
विभागीय सूत्रों की मानें तो सिंचाई विभाग में सिर्फ एक पद अधिशासी अभियंताओं का देखा जाए तो लगभग 200 से अधिक पद रिक्त है जहां पर नए अधिशासी अभियंताओं को बैठाया जा सकता है लेकिन बीते 3 वर्षों में इस पर विचार नहीं किया गया, जबकि विभाग इन पदों को भरने को लेकर शासन स्तर की बैठकों में चर्चा कर चुका है। अभियंता यूनियन के एक पदाधिकारी ने बताया कि अधिशासी अभियंताओं के रिक्त पड़े पदों पर सिंचाई विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी चाहे तो नीचे के अभियंताओं को प्रोन्नति देकर रिक्त पद भर सकते हैं।
वही सिंचाई विभाग में जेई और एई पद पर लंबे समय से कोई फेरबदल नहीं किया गया है। साथ ही एई पद पर बैठे अभियंताओं को अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नत भी नहीं किया जा रहा है, जिससे एई पद पर अभियंता की भरमार है। सिंचाई विभाग में ऊपर के अधिकारियों की कुर्सी खंगाली जाए तो भी कुछेक अधिकारी छोड़कर अधिकांश अधिकारियों की कुर्सी लंबे समय से बदली नहीं गई है।
लखनऊ स्थित सिंचाई विभाग के मुख्यालय में भी इंजीनियर इन चीफ पदों पर तो फेर बदल होते रहे हैं लेकिन उसके नीचे बैठे अधिकारी पिछली सरकार के समय से ही कुर्सी पर विराजमान है। विभागीय गतिविधियों के अनुसार लंबे समय से कुर्सियों पर बैठे अधिकारियों की मनमानी भी चल रही है। जिससे सिंचाई विभाग के भीतर होने वाले विकास कार्यों पर खासा असर पड़ रहा है।
तेलीबाग स्थित परिकल्प भवन तो अभियंताओं के लिए भंडार करने जैसा हो गया है। भवन के भीतर अभियंताओं की भरमार है और आए दिन नए अभियंताओं को वहां स्थान दिया जा रहा है। परिकल्प भवन में कार्यरत अभियंताओं को सिविल कार्यों में ना ही स्थान दिया जाता है और ना ही उन्हें विशेष रूचि के कार्यों में लगाया जाता है।
सिंचाई विभाग का अतिथि गृह भी परिकल्प भवन के बगल में ही है। जिसकी देखरेख करने वाले अधिकारी भी लंबे समय से कुर्सी पर कब्जा जमाए बैठे हैं, जिनका भी लंबे समय से स्थानांतरण नहीं किया गया है। जिसका प्रभाव है कि अतिथि गृह खस्ताहाल व्यवस्था में है।