रेलवे ने 6 राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को दिया 8 लाख से अधिक दिनों के बराबर काम
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत अब तक 6 राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को 8 लाख से अधिक दिनों के बराबर रोजगार दे चुका है। रेल मंत्री पीयूष गोयल इस परियोजना के तहत बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में प्रवासी मजदूरों के लिए काम के अवसरों में हुई प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में 164 रेलवे कार्यों पर काम चल रहा है और कुल 8,09,046 कार्य दिवस (वर्किंग-डे) के बराबर लोगों को रोजगार दिया जा चुका है।रेलवे के अनुसार, इस अभियान में 4 सितम्बर तक करीब 12,276 श्रमिकों को जोड़ा जा चुका है और इन परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 1,631.80 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ ही राज्यों में भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, ताकि राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।
परियोजना के तहत (i) लेवल क्रॉसिंग तक के लिए सड़कों का निर्माण और रखरखाव (ii) रेल पटरियों के किनारे बने नालों, खाइयों और सिल्टेज जलमार्गों की साफ-सफाई और उन्हें बेहतर बनाया जाना (iii) रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए सड़कों का निर्माण और उनका रखरखाव (iv) रेल पटरियों के किनारे के जमीनी हिस्सों की मरम्मत,कटिंग और उन्हें चौड़ा किया जाना (v) रेलवे की भूमि के आखिरी छोर में पौधारोपण करना और (vi) रेल पटरियों के किनारे मौजूदा जमीन की मरम्मत, कटिंग और पुलों की देखभाल से संबंधित काम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 और लॉकडाउन में अपने गांव और राज्यों को लौट गए प्रवासी श्रमिकों के लिए 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया था। कुल 125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है। इसके तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के ऐसे 116 जिलों में 25 विभिन्न प्रकार के कार्य और निर्माण गतिविधियां शामिल की गई हैं, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटे हैं। इन जिलों में चलाए जा रहे सार्वजनिक निर्माण कार्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।