रेडियो अवध बना नार्थ इंडिया का ‘टॉप परफॉर्मर’

दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में मिला यह सम्मान
संवाददाता
गोंडा। एलबीएस डिग्री कॉलेज से संचालित सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो अवध 90.8 एफएम ने अपनी स्थापना के बाद से सूचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। पांच दिसंबर 2022 को प्रसारण की शुरुआत करने वाला यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन अब जिले में जनसमस्याओं, सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक धरोहर और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहा है। इसी के बदौलत दिल्ली में चल रहे देश भर के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के सम्मेलन में बुधवार को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में जन जागरूकता फैलाने के लिए रेडियो अवध को उत्तर भारत में “टॉप परफॉर्मर“ का अवार्ड मिला है।
रेडियो अवध के कार्यक्रम निदेशक जानकी शरण द्विवेदी ने आज यहां बताया कि पिछले दो वर्षों में रेडियो अवध ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण और मनोरंजन के क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। यह सामुदायिक रेडियो जिले की आवाज बन चुका है और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में समान रूप से लोकप्रिय हो रहा है। दिन भर प्रसारित होने वाले प्रमुख कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए द्विवेदी ने बताया कि प्रतिदिन सुबह छह बजे भक्ति संगीत के कार्यक्रम ‘उपासना’ से प्रसारण की शुरुआत होती है। इसके बाद स्थानीय सूचनाओं और जनकारियों से भरपूर आरजे जानशी द्वारा मॉर्निंग बैंड का शो ‘सुबह सवेरे’ प्रस्तुत किया जाता है। वैलेंटाइन डे से आरजे रिया और आरजे जानशी द्वारा संयुक्त रूप से प्रातः 10 बजे प्रसारित होने वाला मनोरंजक कार्यक्रम ‘चुलबुली पटाखा’ युवा श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि 12 बजे से आरजे रिया द्वारा महिलाओं पर आधारित कार्यक्रम ‘आधी दुनिया’, आरजे अभिषेक द्वारा दो बजे से फरमाइशी गानों का कार्यक्रम ‘हैलो अवध’, आरजे दक्ष द्वारा शाम पांच बजे से युवाओं पर आधारित कार्यक्रम ‘टीन टाइम’ प्रसारित किया जाता है। अवधी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शाम सात बजे से लोकप्रिय आरजे रमेश दुबे रमेशवा का कार्यक्रम ‘घर-घर की बात, निहोरन चाची के साथ’ ग्रामीण क्षेत्रों में खूब सुना जा रहा है। लगभग प्रतिदिन रात को आठ बजे ‘यादों का झरोखा’, ‘जीवन चरित’, ‘शहीदों के लिए’ तथा ‘अनसुनी दास्तान’ प्रस्तुत किया जाता है। नौ बजे से प्रेम मोहब्बत पर आधारित नाइट बैंड का प्रमुख कार्यक्रम ‘सुधर्मा’ प्रस्तुत किया जाता है।


द्विवेदी ने बताया कि इसके अलावा सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों की जानकारी देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साक्षात्कार पर आधारित कार्यक्रम ‘सरकार आपके द्वार’, अच्छे ग्राम प्रधानों से बातचीत पर आधारित शो ‘गांव की सरकार’, स्वास्थ्य पर आधारित कार्यक्रम ‘स्वास्थ्य सही, लाभ कई’ तथा ‘हैलो डॉक्टर’, प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद पर आधारित कार्यक्रम ‘कृषि चर्चा’, प्रगतिशील महिला उद्यमी या किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखने वाली महिलाओं पर आधारित कार्यक्रम ‘अवध की नारी’, कानूनी जानकारी और नागरिक अधिकारों पर आधारित साप्ताहिक शो ‘कानून की बात’ प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल हैं। अभी पिछले दिनों ही गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर दिल्ली से लौटे जिले के दोनों ग्राम प्रधानों का साक्षात्कार प्रसारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रत्येक रविवार को प्रसारित साप्ताहिक कार्यक्रमों में स्वतंत्रता आंदोलन में अवध की भूमिका विषय पर आधारित कार्यक्रम ‘अवधनामा’, बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम ‘अवध की पाठशाला’, ताजा तरीन घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम ‘हमसे जानिए’ तथा कवि सम्मेलन ‘स्वरांजलि’ व मुशायरा ‘शाम ए अवध’ का प्रसारण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों रेडियो पर वरिष्ठ नागरिकों के जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रम ‘हमारे बुजुर्ग हमारा अभिमान’ तथा ‘सेहत सही लाभ कई’ कार्यक्रम के अंतर्गत देश से टीबी के समूल उन्मूलन के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इनमें विषय विशेषज्ञों के साथ साक्षात्कार भी शामिल है। उन्होंने बताया कि रेडियो अवध प्रधानमंत्री के आहवान पर वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए शहर से लेकर गांव तक लोगों को जागरूक करने के लिए नियमित कार्यक्रम प्रसारित कर रहा है। इस क्रम में यूपी दिवस के अवसर पर जन जागरूकता अभियान के तहत रेडियो अवध के प्रचार वाहन को प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
द्विवेदी ने बताया कि भविष्य में रेडियो अवध अपने कार्यक्रमों का विस्तार करते हुए और अधिक प्रभावशाली शो लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि हमने 100 दिनों का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत एलबीएस डिग्री कालेज के छात्र छात्राओं को नए रेडियो जॉकी के रूप में तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य शैक्षिक व जन जागरूकता कार्यक्रमों को और मजबूत करना तथा स्थानीय कलाकारों को अधिक अवसर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि रेडियो अवध ने अपने अब तक के सफर में न केवल श्रोताओं का विश्वास जीता है, बल्कि जिले की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजने का प्रयास किया है। रेडियो दिवस के अवसर पर यह सामुदायिक रेडियो भविष्य में और अधिक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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