रिपब्लिक टीवी के स्टॉफ पर दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के संपादकों और रिपोर्टर्स के खिलाफ मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने याचिकाकर्ता को बाॅम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा।

रिपब्लिक टीवी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पुलिस बलों में असंतोष को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। एफआईआर महाराष्ट्र पुलिस की स्पेशल ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर शशिकांत पवार ने जोशीमार्ग पुलिस थाने में पुलिस इनसाइटमेंट टू डिसैटिस्फैक्शन एक्ट की धारा 3(1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दर्ज कराया है।

सुनवाई के दौरान रिपब्लिक टीवी की ओर से वकील सिद्धार्थ भटनागर ने पुलिस इनसाइटमेंट टू डिसैटिस्फैक्शन एक्ट को चुनौती देते हुए कहा कि ये कानून संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए), 19(1)(जी) और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। ये ब्रिटिश राज का कानून है और अब इसका इस्तेमाल मौलिक अधिकारों पर रोक लगाने के लिए किया जा रहा है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते हैं। तब भटनागर ने कहा कि बाॅम्बे हाईकोर्ट ने इस कानून की संवैधानिक वैधता पर मुहर लगाई है।

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