राहत: गंगा की रौद्र लहरें शान्त, जलस्तर घटने लगा, प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन बेहाल
वाराणसी (हि.स.)। जीवनदायिनी सदानीरा गंगा की रौद्र लहरें अब शान्त हो गई है। लगातार बढ़ने के बाद लहरें अब दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से घट रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों के साथ जिला प्रशासन ने भी अब राहत की सांस ली है। शुक्रवार सुबह सात बजे तक गंगा का जलस्तर 72.28 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर गुरूवार दोपहर बाद से ठहर गया। इसके बाद एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर घटने लगा। अभी भी गंगा की लहरे खतरे के निशान से उपर बह रही है। गंगा में सामान्य जलस्तर 66.599 मीटर है। वाराणसी के साथ मिर्जापुर, भदोही और चंदौली में भी जलस्तर घटाव पर है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गाजीपुर और बलिया में गंगा फिलहाल स्थिर हैं।
गंगा में आई बाढ़ के चलते तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की मुश्किले भी बढ़ती जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में लोगों को अपना मकान गिरने की आशंका भी सता रही है। गंगा के सभी 84 घाटों का सम्पर्क टूट गया है। दशाश्वमेध और शीतलाघाट,सामनेघाट,नगवा,मारूति नगर आदि इलाकों में बाढ़ से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों का काम धाम ठप है । जीवन भी ठहर सा गया है। लोगों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद कीचड़ और गंदगी के साथ संक्रामक रोग का भय भी सताने लगा है। वरूणा नदी के तटवर्ती क्षेत्र में भी यहीं हाल हैं। लोग बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे है। सलारपुर, रसूलगढ़, पुलकोहना, दनियालपुर, सरैयां, शैलपुत्री, नक्खीघाट, हुकुलगंज, चौकाघाट, वरुणा पुल, इमिलिया घाट आदि मोहल्ले में बाढ़ पीड़ित लोग उंचे स्थानों के साथ राहत शिविरों में शरण लिए हुए है। राहत शिविर में रह रहे लोगों की मदद में जिला प्रशासन के अफसर लगे हुए हैं। लोग अब बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे है।